देहरादून। उत्तराखंड में बीते 24 घंटे में 51 कोरोना संक्रमित मिले हैं, जबकि चार मरीजों की मौत हुई है। वहीं, सक्रिय मरीजों की संख्या घट कर 1081 पहुंच गई है। कुल संक्रमितों का आंकड़ा 96180 हो गया है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार सोमवार को 7700 सैंपलों की जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है। देहरादून जिले में 27, हरिद्वार में 09, नैनीताल में 08, अल्मोड़ा में दो, उत्तरकाशी और चमोली में एक-एक, ऊधमसिंह नगर में 03 संक्रमित मिले हैं। पौड़ी, पिथौरागढ़, रुद्रप्रयाग, बागेश्वर, चमोली, चंपावत व टिहरी जिले में कोई नया संक्रमित नहीं मिला है। प्रदेश में अब तक 1648 मरीजों की मौत हो चुकी है। वहीं, 139 मरीजों को डिस्चार्ज किया गया।
राज्य के विभिन्न अस्पतालों से 7897 लोगों के सैंपल जांच के लिए भेजे गए। 7700 लोगों की रिपोर्ट आई जबकि आठ हजार लोगों की जांच रिपोर्ट आना बाकी है। सोमवार को एम्स ऋषिकेश में एक, हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज में एक, हिमालयन हॉस्पिटल में एक जबकि वेलमेड हॉस्पिटल देहरादून में एक संक्रमित की मौत हो गई। राज्य में कोरोना संक्रमण की दर साढ़े चार प्रतिशत से कम हो गई है। जबकि मरीजों के ठीक होने की दर 95.76 प्रतिशत हो गई है।
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6077 स्वास्थ्य कर्मियों का टीकाकरण
देहरादून। राज्य के विभिन्न टीकाकरण बूथों पर सोमवार को 6077 स्वास्थ्य कर्मियों का टीकाकरण किया गया। इसके साथ ही राज्य में टीकाकरण कराने वाले स्वास्थ्य कर्मियों की कुल संख्या 37305 हो गई है। सोमवार को राज्य भर में 104 टीकाकरण बूथों पर टीकाकरण किया गया। राज्य के प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ कुलदीप सिंह मार्तोलिया ने कहा कि राज्य में टीकाकरण की स्थिति में सुधार आ रहा है और जल्द सभी स्वास्थ्य कर्मियों का टीकाकरण कर लिया जाएगा। राज्य में कुल 87 हजार के करीब स्वास्थ्य कर्मियों का टीकाकरण किया जाना है।
एसपीएस राजकीय चिकित्सालय ऋषिकेश में सोमवार को 74 स्वास्थ्यकर्मियों को कोरोना वैक्सीन के टीके लगे। कोरोना वैक्सीन टीकाकरण में सरकारी अस्पताल, सीमा डेंटल कॉलेज और निर्मल अस्पताल के स्वास्थ्यकर्मी शामिल थे। कोरोना वैक्सीन लगने पर एसपीएस राजकीय चिकित्सालय के चिकित्सक ने इस तरह अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की। एसपीएस राजकीय चिकित्सालय ऋषिकेश के वरिष्ठ चिकित्साधिकारी डा. संतोष कुमार पंत ने कहा कि समस्त नागरिकों से निवेदन है कि अपना-अपना नंबर आने पर अपना वैक्सीनेशन आवश्यक कराएं। अपने परिवार, समाज और अपने देश को वैक्सीनेशन के प्रति उत्साहित करें। अपने वैज्ञानिकों का उत्साहवर्धन करें व देश का सम्मान करें, यह वैक्सीन समस्त मानवजाति के लिए कल्याणकारी है।