“आंखों में आंसू लेकर आई, मुस्कान के साथ लौटी — डीएम की दरियादिली”

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“फरियाद पहुँची जहाँ तक, राहत पहुँची वहीं तक!”

डीएम ने विधवा महिला की पीड़ा सुनी, मौके पर ही बनवाया राशन कार्ड

देहरादून के प्रभु कॉलोनी, चन्द्रबनी निवासी एक विधवा महिला की आंखों में आसूं थे, दिल में उम्मीद की एक किरण थी। वर्षों से राशन कार्ड के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रही शकुंतला दत्त शर्मा जब जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचीं, तो उन्हें नहीं पता था कि आज उनका दर्द किसी समाधान की ओर बढ़ेगा।

महिला ने जिलाधिकारी से अपनी पूरी पीड़ा साझा की — बताया कि उनके पति का निधन हो चुका है, कोई संतान नहीं है, और राशन कार्ड न होने की वजह से उनकी वृद्धावस्था पेंशन भी अटकी हुई है।

डीएम श्री सविन बंसल ने मानवीय संवेदनाओं को सर्वोपरि रखते हुए तत्काल जिला पूर्ति निरीक्षक को तलब किया, और आदेश दिए कि सभी औपचारिकताएं पूरी कर महिला को तुरंत राशन कार्ड दिया जाए।

कुछ ही देर में, चमत्कार हुआ — विधवा महिला को बताया गया कि उनका राशन कार्ड बन चुका है और राज्य खाद्य योजना के अंतर्गत उन्हें इसका लाभ मिलेगा। राशन कार्ड मिलने से उनकी पेंशन भी अब शुरू हो सकेगी।

खुश होकर लौटते समय शकुंतला शर्मा की आंखों में इस बार आंसू नहीं थे – बल्कि कृतज्ञता और राहत का भाव था। उन्होंने जिलाधिकारी को हाथ जोड़कर धन्यवाद दिया।


🟠 यह सिर्फ एक राशन कार्ड नहीं, बल्कि भरोसे की बहाली है

🔹 ज़मीनी प्रशासन की सक्रियता का एक उदाहरण
🔹 एक विधवा महिला को मिला सम्मान और अधिकार
🔹 सुशासन का एक मानवीय चेहरा


🗣️ “जब जनता की फरियाद सुनी जाती है, तभी प्रशासन पर विश्वास बनता है” — Meru Raibar

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