💪 उत्तराखंड की महिलाएं बन रहीं आत्मनिर्भर भारत की रीढ़!करेगी जिला स्तर पर बड़े सम्मेलन का आयोजन 🇮🇳
रुचि चौहान भट्ट बोलीं — “पहाड़ की महिलाएं अब लाभार्थी नहीं, बदलाव की नायक बन रही हैं” 🌺
उत्तराखंड की बेटियां और महिलाएं आज सिर्फ घर नहीं संभाल रहीं, बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था की धड़कन बन चुकी हैं।
इसी सशक्त नारी शक्ति को और आगे बढ़ाने के लिए भाजपा महिला मोर्चा अब “आत्मनिर्भर भारत सम्मेलन” का जिला स्तर पर भव्य आयोजन करने जा रहा है।

19 जिलों में महिला शक्ति का संगम – आत्मनिर्भर भारत का संदेश 📢
भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष रुचि चौहान भट्ट ने बताया कि प्रदेश के 19 जिलों में एक साथ सम्मेलन आयोजित होंगे, जहां महिला उद्यमी, स्वयंसेवी संस्थाओं की प्रतिनिधि, और ग्रामीण स्वावलंबी महिलाएं एक मंच पर आएंगी।
“हमारा उद्देश्य है कि हर महिला खुद पर विश्वास करे।
राज्य सरकार ने जो नीतियां बनाईं, उनका फायदा अब गांव की हर महिला तक पहुंच रहा है।” — रुचि चौहान भट्ट
उत्तराखंड सरकार की योजनाएं बन रहीं परिवर्तन का आधार 🔹
प्रदेश में महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त करने के लिए मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना, हाउस ऑफ हिमालय ब्रांड, और स्टार्टअप वेंचर फंड जैसी पहलों ने नई ऊर्जा दी है।
भट्ट ने बताया —
“राज्य सरकार ने 50 लाख तक की योजनाओं पर सब्सिडी दी है, और पिछले 5 वर्षों में 40 हजार से अधिक सूक्ष्म उद्योग स्थापित हुए हैं।”
इसके साथ ही महिलाओं के लिए सरकारी नौकरियों में 30% क्षैतिज आरक्षण और 26 हजार युवाओं को सरकारी रोजगार का अवसर, राज्य में सशक्त उत्तराखंड की तस्वीर उकेर रहे हैं।
अर्थव्यवस्था में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी 📈
प्रदेश की जीडीपी में 1.3 फीसदी की वृद्धि और प्रति व्यक्ति आय में 26 गुना उछाल— ये आंकड़े बताते हैं कि उत्तराखंड की महिलाएं अब केवल सहयोगी नहीं, बल्कि आर्थिक विकास की सहभागी बन चुकी हैं।
“हम सिर्फ सम्मेलन नहीं कर रहे,
हम ‘आत्मनिर्भर भारत’ की नई कहानी लिख रहे हैं — महिला शक्ति के नाम।”
— रुचि चौहान भट्ट
गांव-गांव तक पहुंचेगा ‘आत्मनिर्भर भारत’ का संदेश 🌾
महिला मोर्चा की प्रदेश मीडिया प्रभारी नेहा शर्मा ने बताया कि आने वाले दिनों में प्रदेशभर में महिला सशक्तिकरण पर चर्चाएं, प्रदर्शनी और संवाद कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
इन आयोजनों में सरकार की उपलब्धियों और योजनाओं की जानकारी सीधे जनता तक पहुंचेगी।
🌸 अंत में — एक नई दिशा, एक नया विश्वास
उत्तराखंड की महिलाओं ने अब यह साबित कर दिया है कि
सशक्तिकरण सिर्फ नारा नहीं, यह नई अर्थव्यवस्था की परिभाषा है।
पहाड़ की हर महिला अब ‘सहारा नहीं, सहारा देने वाली’ बन चुकी है।
“जब महिलाएं आगे बढ़ती हैं, तो समाज नहीं — पूरा प्रदेश बदलता है।” 🌼
