🌿 उत्तराखंड की दिव्यता का संगम: डीएम टिहरी पहुंचीं ‘उत्तर द्वारिका’ — सेम नागराजा धाम में तैयारियों का लिया जायजा!
🕉️ “जहां नागराजा खुद करते हैं न्याय, वहीं होने जा रहा है सांस्कृतिक पर्व का महाकुंभ”

टिहरी गढ़वाल से बड़ी खबर — उत्तराखंड की आस्था और परंपरा के संगम ‘सेम मुखैम’ में इस बार का मेला खास होने जा रहा है!
25 नवंबर से शुरू होने वाले तीन दिवसीय सेम नागराजा मेले की तैयारियों का जायजा लेने मंगलवार को जिलाधिकारी नितिका खंडेलवाल खुद पहुंचीं उत्तर द्वारिका के पांचवें धाम।
🚩 आस्था और विकास का मेल: मैदान से मंदिर तक डीएम का निरीक्षण
जिलाधिकारी ने पर्यटन विभाग के गेस्ट हाउस से लेकर सेम नागराजा मंदिर तक पूरे मार्ग का स्थलीय निरीक्षण किया।
उन्होंने झाड़ियों की कटाई, रास्तों की सफाई, धर्मशाला निर्माण और सड़क-पार्किंग की व्यवस्था को दुरुस्त करने के निर्देश दिए।
डीएम खंडेलवाल ने कहा,
“सेम मुखैम सिर्फ एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि गढ़वाल की सांस्कृतिक आत्मा का केंद्र है — मेले में आने वाले हर श्रद्धालु को बेहतरीन सुविधाएं मिलनी चाहिए।”
✨ मेला समिति ने रखी मांगें — डीएम ने दिए सख्त निर्देश
मेला समिति के प्रबंधक विजय पोखरियाल ने पेयजल, स्ट्रीट लाइट, मोबाइल शौचालय, सुरक्षा और विद्यालयों में मेला अवकाश जैसी मांगें रखीं।
डीएम ने सभी विभागों को तुरंत कार्रवाई करने के निर्देश दिए और कहा कि मेले को स्वच्छ, सुरक्षित और सांस्कृतिक रूप से भव्य बनाना प्राथमिकता है।
🕊️ आपदा प्रभावित गांव का भी दौरा
मेला निरीक्षण के बाद डीएम खंडेलवाल ने पोखरी गांव में धस रहे घरों का निरीक्षण किया।
ग्रामीणों ने विस्थापन की मांग रखी, जिस पर डीएम ने भूमि चयन और राजस्व विभाग को मौके पर मुआयना करने के निर्देश दिए।
🌸 स्थानीय भावना और उम्मीदों का संगम
सेम नागराजा मंदिर, जिसे ‘उत्तर द्वारिका’ भी कहा जाता है, गढ़वाल की आस्था का ध्रुवतारा है।
यहां हर वर्ष हजारों श्रद्धालु पहुंचते हैं, और इस बार जिला प्रशासन ने तय किया है कि भक्ति के साथ विकास भी दिखेगा।
🔔 अंतिम पंक्ति –
✨ जहां भक्ति और व्यवस्था एक साथ दिखती है, वहीं से शुरू होती है ‘उत्तराखंड की नई पहचान’! ✨
