राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग – मेरे इस बयान से घबराकर सरकार ने फिर यू टर्न लिया -जोत सिंह बिष्ट प्रदेश उपाध्यक्ष पीसीसी

Share Now


श्री जोत सिंह बिष्ट प्रदेश उपाध्यक्ष उत्तराखंड कांग्रेस कमेटी
कोरोना के संक्रमण से बचाव के लिए 25 मार्च से 31 मई तक 66 दिन के 4 लॉक डाउन की बाद भी देश में कोरोना का संक्रमण किसी तरह रुकता हुआ नजर नहीं आ रहा है। लॉकडाउन के शुरुआती दौर में भारतवर्ष दुनिया में कोरोना संक्रमण के मामले में 20वें स्थान पर था। प्रधानमंत्री जी ने पहले लॉक डाउन की घोषणा करते हुए बड़े गर्व से कहा था की महाभारत का युद्ध 18 दिन में जीता गया और हम 21 दिन में कोरोना पर जीत हासिल करेंगे। लेकिन लॉक डाउन 4 के समाप्ति के दिन 31 मई को भारत संक्रमण दर में दुनिया में 20 वें से सातवें स्थान पर पहुंच गया। प्रधानमंत्री जी का यह बयान नोटबंदी और जीएसटी की तरह फिर एक बार फेल साबित हुआ।

कोरोना के संक्रमण के मामले में उत्तराखंड की हालत दिन-प्रतिदिन बदतर होती जा रही है। इसका जीता जागता उदाहरण है कि राज्य सरकार के एक वरिष्ठ मंत्री जिनका घर 20 मई को होम क्वारन्टीन कर दिया गया था वहां लॉक डाउन का उलंघन कर 21 मई और 29 मई की मंत्रीमंडल की बैठक में सम्मिलित हुए। इन दोनों बैठकों में राज्य के मुख्यमंत्री पूरा मंत्रिमंडल राज्य के वरिष्ठ नौकरशाह भी सम्मिलित हुए, लेकिन पूरे राज्य का तंत्र चलाने वाले इन वरिष्ठतम लोगों में से किसी एक के मोबाइल पर डाउनलोड आरोग्य सेतु ने ब्लिंक नहीं किया।

वरिष्ठ मंत्री श्री सतपाल महाराज की धर्मपत्नी श्रीमती अमृता रावत जी के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद अगले दिन श्री सतपाल महाराज उनके परिजन और स्टाफ कुल मिलाकर 22 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए जाते हैं, अस्पताल में भर्ती किए जाते हैं 24 घंटे के मंथन के बाद मुख्य मंत्री जी मंत्रिमंडल की बैठक में सम्मिलित मंत्रीगणों एवं नौकरशाहों के क्वारन्टीन करने का निर्णय लिया जाता है। राज्य में इस स्थिति के कारण सरकार के अस्तित्व पर प्रश्न चिन्ह खड़ा होता है। संवैधानिक प्रश्न खड़ा होता है जिस पर कल मैंने सरकार की क्वारन्टीन रहने की अवधि तक राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की। मेरे इस बयान से घबराकर सरकार ने फिर यू टर्न लिया और मंत्रिमंडल की बैठक में शामिल मंत्रीगणों और नौकरशाहों को क्वारन्टीन के प्रतिबंध से मुक्त करने का आदेश जारी किया। रात को सोशल मीडिया पर वायरल खबरों के अनुसार श्री सतपाल महाराज और उनके स्टाफ जो कोरोना संक्रमित के रूप में अस्पताल में भर्ती थे को डिस्चार्ज कर घर जाने की अनुमति दी जाती है। फिर वापस भर्ती कर लिया जाता है। फिर सैंपल लेकर जांच के बाद उन्हें कोरोना के संक्रमण से मुक्त बताया जाता है जो सरकार की कार्यप्रणाली पर एक नहीं बल्कि अनेक प्रश्नचिन्ह खड़े करता है।

यह कैसी सरकार है एक सामान्य प्रवासी नागरिक के बाहरी राज्य से घर आने पर जिसको की नियम कायदे कानून की जानकारी ना होने के कारण 307 के मुकदमे की प्रताड़ना से गुजरना पड़ रहा है लेकिन वहीं दूसरी तरफ स्वयं में सरकार गलती पर गलती कर रही है और जनता की जान को कोरोना के संक्रमण की चपेट में डाल रही है। ऐसी सरकार को सत्ता में बने रहने का कोई हक नहीं है। नैतिकता के आधार पर सरकार को अभिलंब इस्तीफा देना चाहिए।


पत्रकार वार्ता में जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राकेश राणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव विजय गुनसोला ,प्रदेश सचिव मुशर्रफ अली ,प्रदेश प्रवक्ता हिम्मत सिंह बिष्ट ,शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष देवेंद्र नौटियाल पंकज रतूड़ी युवक कांग्रेस के विधानसभा अध्यक्ष नवीन सेमवाल,वरिष्ठ नेता बिजल दास, नगर पालिका सभासद सतीश चमोली युवक कांग्रेस नेता अमित चमोली प्रधान बलवीर कोहली आदि उपस्थित थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!