शिव रात्रि पर पूण्य साथ लेकर कबाड़ काशी में छोड़ गए धर्म पालक।
आयोजको ने भी झाड़ा पल्ला।
नगर पालिका ने जताई अनविज्ञता ।
प्रसासन के पास नही आंकड़ा कौन बांट रहा शिव प्रसाद?
अनहोनी होने पर किसको पकड़ेगा प्रसासन।
गिरीश गैरोला
सृस्टि के मूल उत्पति सदाशिव के शिवरात्रि के मौके पर निकली बारात को लंगर में घोटा और फल वितरण पर हरियाणा से आये सेठ जी पूण्य तो साथ ले गए हो या नही किन्तु हनुमान मंदिर के पास कूड़ा छोड़कर चले गए।
इस स्थान से लगा हुआ डीएम आवास है लिहाजा गंदगी को देखकर डीएम आईएएस आशीष चौहान के निर्देश पर पालिका कर्मियों ने उक्त संस्था का चालान काट दिया किन्तु अगले दिन भी कूड़ा ज्यूँ का त्यों पड़ा रहा।
शिव नगरी उत्तरकाशी में शिव रात्रि पर काशी विश्वनाथ मंदिर को दुल्हन की तरह सजाया गया था , भक्तों में भी जबरदस्त उत्साह देखने को मिला । मंदिर में दर्शन के लिए करीब 500 मीटर लंबी कतार में लोग घंटो अपनी बारी का इंतजार करते दिखे। दर्शन के बाद नगर में शिव बारात निकाली गई जिसमें सभी नगर वासी बाराती बनकर सामिल हुए।
शिव बारातियों के लिए स्थान स्थान पर फल और घोटा वितरण की व्यवस्था की गई थी। ऐसी ही एक व्यवस्था हनुमान मंदिर के पास भी की गई थी किन्तु आयोजन समाप्ति के बाद पत्तल गिलास और अन्य कूड़ा सड़क पर ही छोड़ दिया गया और नगर पालिका से इसको विधिवत अनुमति भी नही ली गयी।
अब धार्मिक कार्य तो ठीक है किंतु इस दौरान यदि फ़ूड पोइजिनिंग हो जाती या कोई बीमार हो जाता तो किसे जिम्मेदार ठहराया जाता। कुल मिला कर नगर वासियों को कौन प्रसाद बांट रहा है इसका आंकड़ा जिला प्रशासन के पास होना ही चाहिए था , जो एक बड़ी चूक थी।
नगर पालिका अध्यक्ष उत्तरकाशी रमेश सेमवाल ने चालान किये जाने की पुष्टि तो की किन्तु इन्होंने कहा कि उक्त संस्था द्वारा पालिका को सूचित किये बगैर इस स्थान पर सेवा में लंगर लगाया गया है, उन्होंने इस संबंध में विश्वनाथ मंदिर समिति की तरफ इशारा करते हुए कहा कि उक्त संस्था को स्थल पर लंगर लगाने से पूर्व कुड़े को डस्ट बीन में एकत्र करने की हिदायत दी जानी चाहिए थी।
शिवरात्रि पर घोटे का असर निकलते ही देखा तो पालिका के हिस्से में फिर वही — कबाड़ कूड़ा—????