रूद्रपुर। प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत आज जनपद के दिनेशपुर में हरिचांद गुरूचांद धर्म मंदिर स्थल पर पहंुच कर मतुआ महारत्न आचार्य स्व0 स्वामी गोपाल महाराज की समाधी पर श्रद्धांसुमन अर्पित किये। उन्होने कहा कि स्वामी का निधन जब हुआ उस दिन हम सबके लिये बडा कष्ट का दिन था। उन्होंने कहा कि आज स्वामी का हमारे बीच न रहने से हम दःुखी है। उन्होने कहा कि हमारा उत्तराखण्ड देवभूमि के रूप में जाना जाता है जहां अनेक संतो ने और जिनकी भी समाज के प्रति पीडा है उन्होने उत्तराखण्ड को अपना पूजा स्थल भी बनाया है चाहे स्वामी रामतीर्थ, स्वामी विवेकानन्द जी हो या आचार्य गोपाल जी महाराज हो। उन्होने कहा कि स्वामी गोपाल जी महाराज एक उच्च शिक्षित व्यक्तित्व के व्यक्ति थे। उन्होने अपनी नौकरी छोडकर दिनेशपुर को अपनी कर्म स्थली बनाया। उन्होने कहा कि स्वामी जी ने लगभग पांच दशक तक अपना आशीर्वाद हम सबको दिया। आज उनकी पार्थिक देह हमारे बीच नही है लेकिन जो जीवन जीने का मार्ग दर्शन हमे दिया वह एक स्मरणीय है। उन्होने कहा कि स्वामी जी ने जो सभी समाज को एक सूत्र में बाधने का काम किया निश्चित रूप से उनकी वे प्रेरणा सदा व सदैव अनुकरणीय होगी व उनका आशीर्वाद हम लोगों पर बना रहेगा। उन्होने कहा कि अब उनके शिष्य श्री विवेकानन्द आचार्य जी उनकी जिम्मेदारी को सम्भालेगें। उन्होने कहा कि ऐसे आचार्य महापुरूष को हम यहा पर श्रद्धांजलि अर्पित करने पहुंचे है। उन्होने कहा कि समस्त उत्तराखण्ड वासियों व राज्य सरकार की ओर से अपनी श्रद्धांसुमन अर्पित करता हुं। मा0 मुख्यमंत्री ने कहा कि बंगाली समुदाय के प्रमाण पत्रों में जो पूर्वी पाकिस्तान शब्द का प्रयोग किया जाता है उसको हटाने की कार्यवाही अब अन्तिम प्रक्रिया में है। उन्होने कहा इस अवसर पर स्मावी जी को सच्ची श्रद्धांजलि होगी। उन्होने कहा कि स्वामी जी इन शब्दों से बडे आहत होते थे कि प्रमाण पत्रों में पूर्वी पाकिस्तानी का प्रयोग किया जाता हैं। शिक्षा मंत्री अरविन्द पाण्डेय, विधायक राजकुमार ठुकराल ने भी स्वामी जी को श्रद्धां सुमन अर्पित किये।
इस अवसर पर पूर्व सासंद बलराज पासी, वन विकास निगम के अध्यक्ष सुरेश परिहार, जिलाध्यक्ष शिव अरोरा, नगर पंचायत की अघ्यक्षा सीमा सरकार, जिलाधिकारी रंजना राजगुरू, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दलीप सिंह कुवंर, सुधीर कुमार, शम्भू सरदार, शंकर मण्डल, सुभाष मण्डल, आदित्य मलिक, सुकुमार सरकार सहित बडी संख्या में स्वामी जी के अनुयायी उपस्थित थे।