निशाने पर कौन? ये कैसा मौन?

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#आम छात्रों पर पुलिसिया दमनात्मक कार्यवाही निंदाजनक – आइसा
#दोषियों पर कार्यवाही की आड़ में आम छात्रों पर कहर बरसा भय का माहौल बना रहा प्रशासन – शैलेश पासवान

#हॉस्टलों में लैपटॉप,मोबाइल व ट्रैक्टर से कूलर तोड़ पैसा छीनना प्रशासन की तानाशाही है – शिवानी मिताक्षरा।

अंकित तिवारी इलाहाबाद।

17 अप्रैल 2019 इलाहाबाद । विगत दिनों पीसीबी हॉस्टल में पूर्व छात्र की हत्या व बैंक रोड स्थित मैरेज हॉल विवाद को हाई कोर्ट के स्वतः संज्ञान पर इविवि प्रशासन द्वारा हॉस्टल दमनात्मक रवैये के साथ खाली कराना निंदनीय है । कल ताराचंद हॉस्टल में पुलिस द्वारा डाले गए रेड में आम छात्रों को ही निशाना बनाया गया है। आइसा की राज्य सह सचिव शिवानी मिताक्षरा ने कहा कि सामान्य छात्रों के मोबाइल ,लैपटॉप व ट्रेक्टर से कूलर तोड़ कर पैसा तक छीन लिया जा रहा है जो पूर्णतः तानाशाही है, और निंदनीय है। आइसा के राज्य अध्यक्ष शैलेश पासवान ने ऐसे दमनात्मक कार्यवाही की निंदा करते हुए कहा कि इविवि प्रशासन दोषियों पर कार्यवाही करने के नाम पर आम छात्रों का दमन करके भय का माहौल बना रहा है ,जबकि हॉस्टलों में अपराधियों को खाद पानी देकर प्रशासन ही संरक्षण दे रहा है ।

विश्वविद्यालय में लगातार हत्याएं व आत्महत्या की घटनाओं का जिम्मेदार स्वंय विश्वविद्यालय प्रशासन है । उसी के उदासीन रवैये के कारण यूनिवर्सिटी का स्तर दिनों दिन गिरता जा रहा है । उच्च न्यायालय के स्वतः संज्ञान के दबाव में पुलिस व विश्वविद्यालय प्रशासन परीक्षा के वक्त में भी हवा हवाई रेड डालकर और आतंक का माहौल बना कर अपनी लाज बचाने के लिए सफाई देने की कोशिश में है । आइसा इकाई सचिव सोनू यादव ने भयमुक्त व शांतिपूर्ण कार्यवाही न होने पर विरोध की बाध्यता की बात कही ।


आइसा दोषियों पर कार्यवाही करने के लिए उच्च न्यायालय के स्वतः संज्ञान फैसले का स्वागत करता है ,लेकिन साथ ही विश्वविद्यालय प्रशासन से अपील भी करता है कि इसकी आड़ में सामान्य छात्रों को परेशान न करें । परीक्षा की वजह से छात्र पहले से ही दबाव में हैं । ऐसे हालत में वैध छात्रों को अपना कमरा छोड़ डेलीगेसी में रहना पड़ रहा है ।

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