भारतीय किसान यूनियन का तीन दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन .
अंकित तिवारी।
उतरांचल के जनपद हरिद्वार में भारतीय किसान यूनियन के तीन दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन का उद्घाटन राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत जी करेंगे। इस अधिवेशन में देश भर से करीब हजारों किसानो व किसान नेता भाग ले रहे है। भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ता अधिवेशन स्थल की व्यवस्था और अनुशासन बनाए रखने में सहयोग करेंगे। भारतीय किसान यूनियन देश के किसानों की आवाज उठानेवाला और साथ ही ग्राम विकास की प्रक्रिया में सहयोग देनेवाला एक प्रमुख संगठन बन चुका है।
भारत में किसान समस्याओं व विषमताओं से घिरा रहता है। इस विषमता को दूर करने के लिए देश में भारतीय किसान यूनियन प्रयत्नरत है। भारतीय किसानों का विकास करने के लिए यह संगठन जरूरी है। इसकी स्थापना किसान मसीहा स्व चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत ने की थी। भारतीय किसान यूनियन पिछले तीन दशकों से निःस्वार्थ रूप से अपने ध्येय की ओर अग्रेसर है। भारतीय किसान यूनियन किसानों के लिये व किसानों द्वारा चलाये जानेवाले संगठन के रूप में आज सारे विश्व में परिचित है।
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किसानों को उनकी आर्थिक व सामाजिक प्रगति के लिये संगठित करना व किसानों को आनेवाली कठनाईयॉं और उनकी समस्याओं पर चर्चा, पंचायत आयोजित करना व सरकार के सामने रखना आदि लक्ष्य और उद्देश्य है। भारतीय किसान यूनियन एक पंजीकृत संगठन है। देश का कोई भी किसान इसका सदस्य बन सकता है।
सरकार कृषि उत्पादों के लिए जो समर्थनमूल्य घोषित करती है, उससे भी किसानों का कभी लाभ होता दिखाई नहीं देता है, यह एक विडंबना ही है। असंगठित होने के कारण किसानों का हरदम शोषण ही होता रहा है। और यही कारण है कि किसान उनका गॉंव और खेती छोडकर शहरों की ओर जाने लगा है। इस प्रकार की सारी समस्याओं को दूर करने का भारतीय किसान यूनियन का प्रयास है।
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अधिवेशन में राष्ट्रीय महामंत्री संगठन/ प्रवक्ता ने विभिन्न राज्यों से आये किसान प्रतिनिधियों को पार्टी के निर्धारित कार्यक्रम के विषयों पर विचारविमर्श करेंगे। और किसानो के हित में सोशल मीडिया की ताकत का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करने का संदेश दिया जाएगा। अधिवेशन में विभिन्न प्रदेशो के प्रदेश अध्यक्ष भी पहुंचे रहे है।
किसानों को खेती की उन्नत तकनीकों के साथ भारतीय किसान यूनियन की रीति-नीति से परिचित कराने के साथ अधिवेशन का शुभारंभ होगा। और अधिवेशन में आवाहन किया जायेगा कि देश मे हरियाली को बचाने के किसान सभी ग्रामीणों की सहभागिता से वृक्षारोपण व पौधों की देख-रेख कर पर्यावरण को बचाने की जिम्मेदारी उठाएं।
लोकतंत्र में किसानों का सम्मान कायम रखते हुए, व्यवस्था के खिलाफ सृजनात्मक संघर्ष के लिए, अहिंसात्मक आंदोलन और प्रदर्शन एक प्रभावी माध्यम है। किसानों के हक की आवाज उठाने में यह ध्यान रखें कि राष्ट्रीय संपत्ति व जन-जीवन को नुकसान न पहुंचे। प्राकृतिक आपदाओं के कारण किसानों को हो रही समस्या पर भारतीय किसान यूनियन सरकार से बात करेगी।
किसानों को खेती की उन्नत तकनीकों व पानी की समस्या आदि विषयों पर चर्चा की जाएगी। और जैविक खेती व फूड प्रोसेसिंग पर भी चर्चा होगी।
इस मौके पर भारतीय किसान यूनियन राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत व राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत … आदि मौजूद रहेगें।