नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की सख्ती के बाद जिला प्रशासन हरकत में आया है। नगर और जिले के कुड़े को जैविक अजैविक में बांटकर निस्तारित कराने की दिशा में पहले चरण में पांच स्कूलों को मॉडल के रूप में लिया गया है जिनमे 5दिनों के भीतर कूड़ा निस्तारण करने के निर्देश डीएम उत्तरकाशी डॉ आशीष चौहान ने नगर पालिका और स्वजल को दिए। अधिशाषी अभियंता गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकयो को इसका नोडल बनाया गया है।
गिरीश गैरोला
गौरतलब है कि नगर पालिका उत्तरकाशी डंपिंग स्थल न मिलने के चलते खुद अपने नगर के ही कुड़े का निस्तारण नही कर सकी है ऐसे में स्कूलों की अतिरिक्त जिम्मेदारी का 5 दिनों में क्या परिणाम आएगा समझा जा सकता है। इस दौरान कूड़ा वाहनों के फोटोग्राप्स भी उपलब्ध कराने होंगे और अजैविक कूड़ा के साथ शराब की खाली बोटेलो को नीचे भिजवाने कज भी ब्यवस्था देखनी होगी।
एनजीटी के आदेशों के अनुपालन में जिलाधिकारी डा.आषीश चौहान ने विद्यालयों में जैविक-अजैविक कूड़े के सैगरीकेशन के लिए समुचित व्यवस्था करने के निर्देश मुख्य शिक्षाधिकारी,अधिशासी अधिकारी नगर पालिका व स्वजल को दिए। उन्होंने विद्यालयों में एकत्र कूड़े के निस्तारण व ठोस व्यवस्था स्थापित करने हेतु अधिशासी अभियंता गंगा प्रदूषण ईकाई को नोडल अधिकारी बनाया है। जिनकी देख-रेख में विद्यालयों के कूड़े का निस्तारण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जैविक व अजैविक कूड़े के लिए अलग-अलग पिट बनाने के साथ ही पर्याप्त मात्रा में कूड़ेदान लगाना सुनिश्चित करें। उन्होंने प्रारम्भिक तौर पर 5 विद्यालयों में कूड़ा नियमित निस्तारण करने के निर्देश दिए। जैविक कूड़े को पिट बनाने के साथ ही अजैविक कूड़े को निस्तारण हेतु नीचे भेजने के निर्देश ईओ को देते हुए कूड़े के वाहनों की फोटो भी उपलब्ध कराने को कहा है।
जिलाधिकारी ने जैविक-अजैविक कूड़े को सैगरीकेशन कर अगले पांच दिन में निस्तारण करने के निर्देश ईओ को दिए। आबकारी विभाग द्वारा एकत्र खाली शराब की बोतलों को नीचे भेजने के निर्देश देते हुए फोटोग्राफ्स उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए।
बैठक में प्रभागीय वनाधिकारी संदीप कुमार, सीएमओ डा. डीपी जोशी, उप जिलाधिकारी देवेन्द्र नेगी,अधिशासी अभियंता बीसी डोगरा,शशी राणा, पर्यावरण विशेषज्ञ लोकेन्द्र चौहान सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।


