गढ़वाली कुमाउनी बोली बनी गौरव का विषय

Share Now

उत्तराखंड की बोली भाषा की क्लास का रिजल्ट सामने आया तो राजधानी दिल्ली में लोग भी झूम उठे। एक समय था जब लोग अपनी गढ़वाली कुमाउनी बोलने मे पिछड़े पन की झिझक महसूस करते थे आज वही बोली भाषा गर्व का विषय बन गयी है। भले ही अब उत्तराखंड के स्कूलों में अब गढ़वाली- कुमाउनी की क्लास सुरु हो गयी है किंतु इसका अंकुरण राजधानी दिल्ली से ही हुआ था , जहाँ बाकायदा क्लास देकर अपनी बोली सिखाई गयी थी, आज वो पौधा बृक्ष बन चुका है।

हरीश असवाल ब्यूरो चीफ दिल्ली।


ग्रीष्म क़ालीन बोली भाषा संस्थाएँ उत्तराखंड लोक भाषा साहित्य मंच , उत्तराखंड एकता मंच , भुम्याल विकास मंच द्वारा रंगारंग कार्यक्रम एबम सामाजिक व्यक्तियों का सम्मान समारोह व अपनी बोली सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन बद्रीनाथ मंदिर पार्क विनोद नगर दिल्ली किया गया यहा प्रस्तुति उन बच्चों द्वारा किया गया जो की गढ़वाली कुमाऊँनी ग्रीष्म क़ालीन बोली भाषा में सत्र 2019 में छात्र/ छात्रा ने भाग लिया ।

जब नंदा देवी राजजात की डोली झाँकी संगीत के साथ कार्यक्रम प्रांगण के लोग झूम पड़े कार्यक्रम में मुख्य अतिथि व गढ़वाली कुमाऊँनी भाषा के संयोजक एबम निदेशक डॉ विनोद बछेटि लोक गायक हीरा सिंह राणा , वरिष्ठ साहित्यकार दिनेश ध्यानी , वरिष्ठ समाजसेवी अनिल पंत समाज सेवी आनंद जोशी , भाजपा प्रसार , प्रचार मुख्य सगठन उदय ममगाई राठी , रवि नेगी , पार्षद गीता रावत , लक्ष्मी बिष्ट , हरीश असवाल , हरीसिंह . (हरदा) समाजसेवी दीपक डंड़रियाल , प्रेमा धोनी , पर्व प्रधान रोशनी चमोलि ,एबम संस्था के पदाधिकारी कार्यक्रम संयोजक दयाल सिंह नेगी (अध्यक्ष ) संजय रावत (सचिव) व समस्त कार्यकारिणी सदस्यों द्वारा सम्मान किया गया और महिमानो का धन्यवाद किया ।

error: Content is protected !!