छह लाख बच्चों को सप्ताह में एक दिन दूध उपलब्ध कराएगा डेयरी फेडरेशन

Share Now

अल्मोड़ा में त्रिवेंद्र कैबिेनेट ने लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय
अल्मोड़ा। राज्य कैबिनेट की अल्मोड़ा में आयोजित बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। जंगली जानवरों व आपदा से होने वाली जान-माल के नुकसान की क्षतिपूर्ति अब वन विभाग की बजाय आपदा के फंड से होगी। उत्तराखंड सहकारी डेयरी फेडरेशन प्रदेश के प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ने वाले छह लाख बच्चों को सप्ताह में एक दिन दूध उपलब्ध कराएगा।  राज्य कैबिनेट की यह बैठक पूर्वाह्न 11 बजे जीबी पंत राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण शोध एवं सतत विकास संस्थान कोसी कटारमल में शुरू हुई। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में कई महत्वपूर्ण योजनाओं पर चर्चा हुई और कुछ को मंजूरी दी गई। बैठक में निर्णय लिया गया कि उत्तराखंड पीपीपी मोड की 2012 की नीति में संशोधन किया जाएगा। आईटीआई के विद्यार्थियों अब प्रतिवर्ष 3900 रुपये शुल्क देना होगा। जंगली जानवरों व आपदा से होने वाली जानमाल के नुकसान की क्षतिपूर्ति अब वन विभाग की बजाय आपदा के फंड से होगी। टिहरी में आईटीबीपी के एडवेंचर स्पोर्ट्स के लिए भूमि उपलब्ध कराए जाने का निर्णय लिया गया। आरएस टोलिया प्रशासन अकादमी की सेवा नियमावली को मंजूरी दी गई। राजभवन अधिष्ठान के अधिकारियों व कर्मचारियों की सेवा नियमावली में संशोधन किया गया है। दीन दयाल उपाध्याय गृह आवास योजना में संशोधन को मंजूरी दी गई है। मोटरयान नियमावली में मामूली संशोधन को भी मंजूरी दी गई है। उत्तराखंड सहकारी डेयरी फेडरेशन प्रदेश के प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ने वाले छह लाख बच्चों को सप्ताह में एक दिन दूध उपलब्ध कराएगा। इसमें प्रति वर्ष छह करोड़ सरकार और छह करोड़ मिड डे मील की योजना से खर्च होगा। उत्तराखंड राजस्व अभिलेख नियमावली 2019 और पशुपालन विभाग की वेकसीटीनेटर सेवा नियमावली 2019 को मंजूरी दी गई। अल्मोड़ा में सोबन सिंह जीना के नाम से नया विश्वविद्यालय बनेगा, जिसमें आवासीय विश्व विद्यालय को भी मर्ज किया जायेगा। आज यह प्रस्ताव कैबिनेट में पास हो चुका है। उत्तराखंड में नई जल नीति 2019 तैयार की गई, जिसमें समानता और सामाजिक न्याय के सिद्धांत के आधार पर जल का उपयोग करना। राज्य के समस्त जल संसाधनों को संरक्षित करना। सभी नागरिकों के आर्थिक और सामाजिक लक्ष्यों को प्राप्त करना, फसल चक्र को अपनाना, पर्यावरण को संतुलित करना आदि शामिल हैं। आईटीआई का शुल्क बढ़ाया गया है। कई दशकों से इसके शुल्क में कोई बढ़ोतरी नही हुई थी। पहले यह शुल्क 40 रुपये महीना था अब 3900 रुपए मासिक होगा। इस बड़े हुए शुल्क से प्रदेश के आईटीआई संस्थानों का स्तर सुधारा जाएगा। जंगली जानवरों से हुई प्राकृतिक क्षति की भरपाई पहले वन विभाग करता था, अब इसका मुवावजा आपदा विभाग देगा। भारत सरकार आपदा के मानकों में परिवर्तन करने वाली है, इसलिए राज्य सरकार ने जनता के हित में यह व्यवस्था की है। मंत्री वेतन भत्तों का टैक्स अब खुद वहन करेंगे। पहले मंत्रियों का इनकम टैक्स सरकार देती थी। राजभवन और सचिवालय के कर्मचारियों की सेवा नियमावली की विसंगति को देखते हुए दोनों जगहों की कर्मचारी सेवा नियमावली को एक समान कर दिया है। पीपीपी मोड नीति पर संशोधन, 50 करोड़ में चार चरणों में होगी स्वीकृति। सरकार ने होम स्टे के दायरे में बढ़ोतरी करते हुए पुराने भवनों को भी इसके दायरे में लिया गया है। अब लोगों को पुराने भवनों की साज-सज्जा एवं शौचालय निर्माण के लिए आसानी से ऋण उपलब्ध हो जाएगा। दीन दयाल होम स्टे योजना का सरलीकरण किया जाएगा। मरम्मत के लिए लोन भी मिलेगा। बैठक में कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल, सतपाल महाराज, अरविंद पांडे, डा. हरक सिंह रावत, शासकीय प्रवत्ता मदन कौशिक, यशपाल आर्या आदि मौजूद रहे।

error: Content is protected !!