उत्तराखंड चार धाम यात्रा के दौरान देवभूमि की पुलिस इस नाम को चरितरह करने मे नित नए उदाहरण पेश कर रही है । तीर्थ यात्री का समान खो गया हो , यात्री बीमार अथवा असमर्थ हो अथवा अपने आफ्नो से भीड़ मे बिछड़ गया हो उत्तराखंड की मित्र पुलिस का साथ उसे अपने घर से कम नहीं लग रहा है ।
महाराष्ट्र से यमुनोत्री धाम यात्रा पर आई महिला श्रद्धालु 20 मई को यमुनोत्री पैदल मार्ग पर भीड़ में अपने साथियो से बिछड़ कर काफी परेशान हो गई थी, रात्रि करीब 9:30 मंदिर परिसर नियुक्त उत्तरकाशी पुलिस की महिलाकांस्टेबल वन्दना बडोनी जब ड्यूटी समाप्त कर वापस बैरिक में आ रही तो उनको रास्ते मे उक्त माताजी को बारिश व ठंडे में देखाई दी, उनके द्वारा माताजी से पूछताछ की गई, तो माताजी ने घबराते हुये बताया कि “बेटा मै अपने साथ वालों से बिछड़ गयी हूँ, नेटवर्क के अभाव मे मेरा उनसे सम्पर्क भी नहीं हो पा रहा है, प्लीज मेरी मदद करो” इस पर महिला कांस्टेबल वन्दना द्वारा खाकी व मानवता का धर्म निभाते हुये उन्हे धैर्य बंधाते हुए अपने साथ बैरिक ले जाया गया, खाना खिलाया गया। रात्रि मे उनके साथ वाले जब पैदल रास्ते मे चलते हुये नेटवर्क मे पहुचें तो महिला जवान का उनसे सम्पर्क हुआ व आज सुबह करीब साढे 05 बजे माताजी को उनके परिजनों के सुपुर्द किया गया। माताजी ने भावुक होकर महिला कानि0 वन्दना का धन्यवाद किया, उनके परिजनों द्वारा भी व उत्तराखण्ड पुलिस का आभार प्रकट किया गया। महिला के बेटे द्वारा व्हाट्सप्प पर सन्देश भेजकर वन्दना व उत्तराखण्ड पुलिस का आभार प्रकट किया गया।