लोकतंत्र को नित्य नए तरह के खतरों के सामना करना पड़ रहा है। ताजा मामला पौड़ी जिले का है जहाँ जिला निर्वाचन अधिकारी के पास एक अजीब तरह का मामला आया है। यहाँ दो महिलाओं ने जिला निर्वाचन अधिकारी से मिलकर अपने दिए गए वोट को निरस्त कराने की मांग कर दी है। महिलाओं ने बताया कि उन्हें डरा धमका कर जबरदस्ती उनकी मर्जी के खिलाफ वोट डलवाया गया है।
लोकतंत्र के इस मेले में ब्लॉक प्रमुख बनने के लिए बीडीसी मेम्बर्स की खरीद फरोख्त के आरोप तो लगते रहे है अब तो इसका प्रूफ भी सामने गया है, बहरहाल पैसा मिलने की वजह से आरोप लगे या पैसा नही मिलने की वजह से ये तो जांच के बाद ही पता चलेगा किन्तु लोकतंत्रणकव लिए पैदा हुए इस खतरे का जल्द ही स्थायी समाधान नही निकला तो लोगो का इस पंचायत व्यवस्था और लोकतंत्र से विश्वास ही उठ जाएगा।
गिरीश गैरोला

त्रिस्तरीय चुनाव पंचायत 2019 के समाप्त होने के बाद जिला मुख्यालय पौड़ी में जिला निर्वाचन अधिकारी के समक्ष दो क्षेत्र पंचायत सदस्यों के द्वारा एक मामला जिला निर्वाचन अधिकारी के संज्ञान में लाया गया है, जिसमें क्षेत्र पंचायत सदस्यों ने नवनिर्वाचित प्रमुख के पति पर डराने धमकाने का आरोप लगाते हुए वोटिंग कराने की बात कही है

, क्षेत्र पंचायत सदस्यों ने निर्वाचित प्रमुख के पति पर आरोप लगाया है कि ब्लाक प्रमुख के चुनाव से कुछ दिन पूर्व से ही उन्हें जान से मारने की धमकी देकर डराया धमकाया जा रहा था जिसके बाद डर से दबाव में आकर उन्होंने अपने मताधिकार का प्रयोग उनके कहे अनुसार किया। अब यह क्षेत्र पंचायत सदस्य आपने मतों को निरस्त करके दोबारा से मतदान करने की बात जिला निर्वाचन अधिकारी से कर रहे है,

उन्होंने खुद के जानमाल की हानि का हवाला देते हुए कहा है कि नवनिर्वाचित जिला प्रमुख के पति से उन्हें जानमाल की क्षति हो सकती है, जिलाधिकारी ने उनके द्वारा दिए गए लिखित पत्र ओर मुख्य विकास अधिकारी को जांच के आदेश दे दिए हैं ।

जबकि एसएसपी पौड़ी ने दोनों ही जिला पंचायत सदस्य को आवश्यक सुरक्षा मुहैया करा दी है अब यह जांच के बाद आएगा कि इस क्रम में आगे निर्वाचन विभाग द्वारा किया किया जाता है।
