युवती ने क्या खूब लपेटा

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मॉडर्न दिखने की चाहत में अपनी संस्कृति और रीति रिवाजों को भूलते जा रही नई पीढ़ी से  ज्यादा उनके माता पिता  दोषी है जो चाहते है कि उनकी  अगली पीढ़ी हंसना रोना भी अंग्रेजी में ही करे जिन्हें गढ़वाली बोलने में पिछड़ेपन का अहसास होता है जबकि ऐसा नही है।

https://youtu.be/Fqo7PTK-WTU

 

 

उत्तराखंड के पहाड़ियों को गढ़वाली में युवती ने खूब अहसास कराया।

नई पीढ़ी जरूर अपनी जड़ों की तलाश करना चाहती है पर क्या हमने अपनी जिम्मेदारी निभाई? ????

मंगसीर की बग्वाल  दीवाली मनाए जाने के मौके पर इस युवती ने अपने ही अंदाज में सबको खूब लपेटा।

क्या आप सहमत है? तो अपने सुझाव जरूर दे।

 

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