दिल्ली के दंगल में आम आदमी पार्टी का मंगल
एमसीडी के 250 वार्ड में से आम आदमी पार्टी ने बहुमत के आंकड़े को क्रॉस करते हुए जबरदस्त प्रदर्शन किया है। केजरीवाल को विधानसभा चुनाव की तरह विशाल जीत तो हासिल नहीं हो पाई, लेकिन उन्होने स्पष्ट बहुमत से ज्यादा आंकड़ा हासिल कर लिया है, वहीं दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी के बड़े नेताओं के बयानो पर गौर करें तो पाएंगे कि वे अभी भी हार मानने को तैयार नहीं हैं और उनका ये कहना है कि भले ही कुछ सीटों के मुकाबले पीछे रहे हों लेकिन मेयर तो बीजेपी का ही बनेगा ।
एमसीडी मे आम आदमी पार्टी कि जीत के क्या मायने हैं इसको लेकर अब चर्चाओ का बाजार गरम है । इस चुनाव मे 104 सीटों के साथ भाजपा दूसरे नंबर पर जबकि आप 134 सीट पर जीत के साथ एक नंबर नंबर पर बनी हुई है जबकि कांग्रेस दो अंको का आंकड़ा भी नहीं छू पाई और 9 सीटों पर सिमट कर रह गई ऐसा लग रहा है कि कांग्रेस का पूरा वोट प्रतिशत जाकर आम आदमी में शिफ्ट हो गया है जबकि बीजेपी को 2017 के मुकाबले वोट प्रतिशत का इज़ाफा तो जरूर हुआ लेकिन सीटों में जबरदस्त गिरावट दर्ज हुई है
दिल्ली में किसका होगा मेयर सुनिए दिल्ली बीजेपी के दावे
दिल्ली तो है हमारी एमसीडी भी हमारे – आप का नारा
दिल्ली के दंगल एमसीडी में आम आदमी पार्टी जीत गई । 15 साल की सत्ता के बाद एमसीडी में बीजेपी को शिकस्त देकर केजरीवाल बाग बाग हो गए हैं । केजरीवाल कहते हैं रात रात जागकर काम किया है, हमने कड़ी मेहनत की है । लोगों ने अस्पताल और स्कूलों की जिम्मेदारी दी, और हमने रात दिन मेहनत कर अस्पताल और बिजली को ठीक किया, और अब जनता ने दिल्ली को साफ करने कि ज़िम्मेदारी दी तो उसे भी बखूबी पूरा करेंगे ।
केजरीवाल कहते फिर रहे है कि जनता काम करने वालों को चुनती है काम रोकने वालों को नहीं । बीजेपी गाली गलोच करती रही, बदनाम करती रही, मारपीट पर उतारू रही और झूठे इल्जाम लगाती रही वही आम आदमी पार्टी अब पॉजिटिव राजनीति को आगे लेकर जाने कि बात कह रही है
हालांकि एमसीडी में जीत को केजरीवाल अपनी सरकार में मंत्रियों पर लगे आरोपों से क्लीनचिट मान रहे हैं लेकिन हकीकत यह है दिल्ली वालों ने भ्रष्टाचार के मुद्दे को गंभीरता से लिया। केजरीवाल की कैबिनेट में भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे उपमुख्यमंत्री मनोज सिसोदिया अपने विधानसभा क्षेत्र के 4 में से 3 वर्ड हार चुके हैं , उसी तरह हवाला कांड में जेल में बंद मंत्री सत्येंद्र जैन के विधानसभा इलाके में आम आदमी पार्टी हार गई
दिल्ली में आम आदि पार्टी की 8 साल की सरकार के बावजूद दिल्ली वालों ने उन्हें वैसा जनादेश नहीं दिया जिसका दावा केजरीवाल कर रहे थे । ऐसे मे कांटे के टक्कर के बाद भी bjp के लिए संभावनाएं खतम नहीं हुई हैं ।
एक निजी चैनल इंटरव्यू में केजरीवाल ने लिखकर दिया था कि एमसीडी चुनाव में इस बार बीजेपी को 20 से अधिक सीटें नहीं मिलेंगी उनका यह सपना तो पूरा नहीं हुआ किंतु बीजेपी की सीटों में काफी गिरावट देखने को मिली वही आम के संजय सिंह कहते हैं कि 80 – 90 सीटें पिछले चुनाव की तुलना में हारने के बाद भी मेयर बनाने का बीजेपी दावा कर रही है।
एमसीडी के चुनाव से साफ जाहिर हो गया है कि भले ही आम आदमी पार्टी जीत गई हो लेकिन बीजेपी के वोट प्रतिशत में कमी नहीं हुई है उसमें बढ़ोतरी हुई है अभी तक के आंकड़ों में देखे तो 2017 में बीजेपी को करीब 36 % वोट मिले थे आम आदमी पार्टी को तब करीब 26 % वोट मिले थे और कांग्रेस को 21% वोट मिले थे लेकिन इस बार के चुनाव में bjp को 39 % वोट मिलता दिखाई दे रहा है जबकि आम आदमी पार्टी को 42% के आसपास वोट मिलते दिखाई दे रहे है जबकि काँग्रेस को सिर्फ 12 ही % वोट मिलते दिखाई दे रहे है । ऐसे मे माना जा रहा है कि कॉंग्रेस के 10% एकमुस्त वोट सीधे आम आदमी पार्टी को शिफ्ट हो गए है ।