पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट आल वेदर रोड़ को कौन लगा रहा पलीता?

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उपचार के बाद भी टूटती चट्टान।

खुद तोड़ने को मजबूर हुई निर्माण कंपनी।
हाथ पैर से ही टूट रही उपचारित पहाड़ी
गिरीश गैरोला
पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट आल वेदर रोड को कुछ निर्माण कंपनी पलीता लगाने में जुटी है। घटिया गुणवत्ता का आलम ये है कि ट्रैफिक बंद कर कंपनी खुद के उपचारित पहाड़ी को तोड़कर नीचे गिरने को मजबूर हो गयी है। उपचारित पहाड़ी में उपयुक्त किये गए सीमेंट की गुणवत्ता का अंदाज इसी बात से लगाया जा सकता है कि इसे मजदूरों द्वारा हाथ और पैर से ही आसानी से तोड़ा जा रहा है।
गंगोत्री रास्ट्रीय राजमार्ग पर इन दिनों जगह जगह आल वेदर रोड के अंतर्गत सड़क चौड़ीकरण और दरकती पहाड़ियों का उपचार कार्य चल रहा है। चार धाम यात्रा मार्ग के साथ चीन सीमा को जोड़ने वाले इस मार्ग को वर्षा काल से पूर्व इस हालत में कर देने का भरोसा मिला था कि खोदी गयी पहाड़िया वर्षा के दौरान गिर कर मार्ग अवरुद्ध कम से कम करे। लिहाजा पहाड़ी के ट्रीटमेंट का काम पूरा करते हुए चार धाम यात्रा काल मे कटिंग कार्य रोकते हुए मात्र ब्रेस्ट दीवार लगाने का कार्य किया जाना था ताकि यात्रा बाधित न हो। इस बीच कार्यदायी संस्था ने पहाड़ी को काट कर सड़क चौड़ीकरण का मालवा सीधे गंगा में उड़ेलना सुरु किया । मीडिया में खबर आने के बाद एनजीटी ने संज्ञान लिया और निर्माण दाई संस्था को डंपिंग ज़ोन चिन्हित करने के बाद ही कार्य सुरु करने के निर्देश दिए।
चार धाम यात्रा सुरु हुई तो गंगोत्री मार्ग पर चुंगी बड़ेथी वाले हिस्से में केवल रात 9 बजे से सुबह 6 बजे तक कार्य करने के निर्देश जिला प्रशासन द्वारा दिये गए इस दौरान मनेरा से यातायात डायवर्ट किया गया।
इसी बीच उपचारित पहाड़ी का हिस्सा भी खुद दरक कर नीचे आने लगा । मीडिया ने फिर गुणवत्ता पर सवाल उठाए तो दोनों ओर से बेरिकेट लगाकर पहाड़ से भूस्खलन सुरु होने की बात कह कर दिन के समय भी रुट डायवर्ट किया जाने लगा।
खोजी पत्रकारों की टीम को शक हुआ तो मौके पर सच जानने की प्रबल इच्छा हुई। देखा तो पहाड़ी से मिट्टी पत्थर गिर रहे थे सच जानकर वापस लौटने वाले ही थे कि ऊपर पहाड़ी में कुछ इंसानी हलचल दिखाई दी। कैमरा घुमाया तो एक नया सच सामने नजर आया। कंपनी के मजदूर खुद ही पूर्व में किये गए अपने ही उपचार को तोड़ कर नीचे गिरा रहे थे। और ज़ूम करके देखा तो पाया कि कंपनी द्वारा सीमेंट से जिस पहाड़ी को पूर्व में उपचारित किया गया था वह इतनी कमजोर है कि एक मजदूर उसे पैर और हाथ से ही तोड़कर नीचे गिरा रहा है।
एन एच आई डी सी एल ने प्रबंधक अमित जोशी ने मीडिया में बयान देने से यह कहकर  इनकार कर दिया कि वे इसके लिए अधिकृत नही है।
इसके बाद डीएम ने विभाग से पूरी रिपोर्ट लेकर अपने इंजीनियर की टीम से किये गए कार्य की गुणवत्ता की जांच का भरोसा दिया है।
राजमार्ग डायवर्ट करके कंपनी अपनी घटिया गुणवत्ता को छुपाने के कार्य कर रही है और यात्री बेहतरीन सड़क के सपने संजोए कुछ दिन की दिक्कत को सहन कर रहे है।
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