देहरादून। महाशिवरात्रि के पर्व पर उत्तराखंड कांग्रेस अध्यक्ष करन महारा के निर्देश पर समस्त जिला कांग्रेस कमिटी के कार्यकर्ताओं एवं पदाधिकारियों ने पौराणिक शिवालयों में जाकर जलाभिषेक किया गया। यह जानकारी उत्तराखंड कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी ने कांग्रेस मुख्यालय में पत्रकारों के साथ साझा की। दसौनी ने बताया कि जलाभिषेक करने के साथ ही साथ कांग्रेस जनों ने भोले शंकर महादेव से
’भाजपाईयों की रुबुद्धि शुद्धि ताकि वह भर्ती घोटाले की उच्च न्यायालय के सिटिंग जज की निगरानी में सीबीआई जांच करा सकें
’अंकिता को न्याय और वीआईपी के नाम का हो खुलासा, ’भर्ती घोटालों में संलिप्त सफेदपोश हों बेनकाब और ’मातृशक्ति एवं बेरोजगार युवाओं पर लाठी चार्ज करने वाली भाजपा की बर्बर सरकार से उत्तराखंड को छुटकारा मिले यह प्रार्थना की। दसौनी ने कहा कि विगत दिनों माहरा के नेतृत्व में बेरोजगार युवाओं पर किये गए लाठी चार्ज एवं गिरफतारी के राज्य सरकार के तानाशही कदम के विरोध मेें सात दिनों तक देहरादून में वृहद प्रदर्शन किया गया जिससे राज्य सरकार को आखिरकार मुख्य विपक्षी दल के दबाव में युवाओं को रिहा करना पड़ा। दसौनी ने कहा की वह युवा अपराधी नहीं है इसलिए रिहाई तो होनी ही थी लेकिन राज्य की भाजपा सरकार के उस दमनकारी कदम से उत्तराखंड की राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय पटल पर अत्यधिक किरकिरी हुई जिसके मद्देनजर प्रदेश अध्यक्ष महारा द्वारा भाजपाईयों की बुद्धि शुद्धि के लिए कांग्रेस के कार्यकर्ताओं का आह्वान करते हुए महाशिवरात्रि के दिन जलाभिषेक के साथ-साथ उपरोक्त प्रार्थना करने के लिए निवेदन किया गया।
दसौनी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के नेताओं की सनक ने राज्य का बुरा हश्र कर दिया है पिछले 6 सालों में जिस भी नेता के हाथ में मुखिया की कमान दी गई उसने तानाशाही में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है और विडंबना यह है कि उसके बाद भी भाजपाइयों को अक्ल नहीं आ रही है उनके बड़बोले पन और विवादास्पद बयानों से जनता आजिज आ चुकी है। दसौनी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी में तू डाल डाल मैं पात पात का खेल चल रहा है। एक तरफ धामी युवाओं पर लाठीचार्ज करवाते हैं तो दूसरी तरफ पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत उस लाठीचार्ज के लिए माफी मांगने का ढोंग करते हैं। दसोनी ने कहा कि यही दोहरा चरित्र भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को बेनकाब करने के लिए काफी है । दसौनी के अनुसार शायद त्रिवेंद्र रावत अपने समय का कार्यकाल भूल गए जब उन्होंने भरी सभा में जनता दरबार में एक वरिष्ठ शिक्षिका उत्तरा बहुगुणा पंत को सबके सामने अपमानित किया था जिससे पूरे देश में उत्तराखंड की और स्वयं त्रिवेंद्र रावत की किरकिरी हुई थी।दसोनी ने त्रिवेंद्र को याद दिलाते हुए कहा कि शायद वह भूल गए हैं कि मातृशक्ति का उत्तराखंड राज्य के लिए क्या योगदान और बलिदान है अगर उन्हें याद होता तो वह कभी 1 मार्च को गैरसैंण में मात्र 14 किलोमीटर सड़क चैड़ीकरण के लिए 90 दिन से आंदोलनरत मातृशक्ति पर ठंडे पानी की बौछारें और लाठीचार्ज ना करवाते।
दसोनी ने कहा कि उत्तराखंड के भाजपा नेताओं से समझदारी की उम्मीद करना बेकार है, जितना बड़ा नेता उतनी ही लंबी उसकी जुबान है ।
एक तरफ जनता महंगाई बेरोजगारी कोरोना महामारी इत्यादि से झूझ रही है दूसरी ओर नेता अपना वादा निभाने के बजाए जनता का मानसिक व शारीरिक उत्पीड़न कर रहे हैं।
दसोनी ने बताया कि उत्तराखंड के आज के इसी परिदृश्य के मद्देनजर प्रदेश अध्यक्ष करन मेहरा ने निर्णय लिया के सभी कार्यकर्ता शिवालयों में जाकर भगवान शिव शंकर से महाशिवरात्रि के पर्व पर अहंकारी भाजपाइयों के लिए बुद्धि शुद्धि की प्रार्थना और भ्रष्टाचारियों के बेनकाब होने के लिए प्रार्थना करेंगे। प्रदेश अध्यक्ष के निर्देशों का पालन करते हुए आज महाशिवरात्रि के दिन हर जिले हर ब्लॉक में कार्यकर्ता ना सिर्फ भोले शंकर की भक्ति में लीन दिखे बल्कि सब ने उत्तराखंड के लिए मंगल कामना की, उत्तराखंड की बेटी अंकिता के लिए न्याय मांगा वीआईपी के नाम उजागर हो इसके लिए प्रार्थना की, भर्ती घोटाले में संलिप्त सफेद पोश बेनकाब हो और इस तानाशाही और दमनकारी भारतीय जनता पार्टी की सरकार से उत्तराखंड की जनता को छुटकारा मिले यह प्रार्थना की।उन्होंने कहा कांगे्रस पार्टी लगातार बेरोजगार नौजवानों को न्याय दिलाने के लिए ईमानदारी के साथ लडाई लड़ने का काम कर रही है और आगे भी यह सिलसिला बदस्तूर जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि राज्य को प्राप्त करने के लिए उत्तराखण्ड की जनता को लम्बा संघर्ष करना पड़ा था जिसमें राज्य के नौजवानों ने बढचडकर संघर्ष किया था, परन्तु भाजपा सरकार युवाओं को रोजगार देने के बजाय उन्हें यातनायें दे रही हैं। परंतु दुख की बात यह है कि भाजपा हाईकमान इस पूरे प्रकरण पर मौन है।