क्यों हो रहा विदेशी निवेश का विरोध -सीए राजेस्वर पैन्यूली की कलम से।

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एकल बिंदु GST के समर्थन में एवं खुदरा में विदेशी निवेश के विरोध में एक दिवसीय धरने के माध्यम से विरोध.

फेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया व्यापार मंडल , सोसाइटी एक्ट 18

गिरीश गैरोला

एकल बिंदु जीएसटी के समर्थन में एवं खुदरा ने विदेशी निवेश के विरोध में फेडरेशन ने आहूत किया धरना
फेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया व्यापार मंडल द्वारा आगामी 25 सितम्बर 2018 को प्रातः 10 बजे से जंतर मंतर नई दिल्ली पर एक विराट धरना एवं व्यापारी सभा आहूत की गयी है । फेडरेशन के संयोजक एवं राष्ट्रीय प्रवक्ता सीऐ राजेश्वर पैन्यूली ने बताया कि उक्त धरना सभा में देशभर से बड़ी संख्या में व्यापारी प्रतिनिधि भाग ले कर एकल बिंदु GST के समर्थन में एवं खुदरा में विदेशी निवेश के विरोध में एक दिवसीय धरने के माध्यम से अपना विरोध प्रकट करेंगे ।
श्री राजेश्वर पैन्यूली ने बताया कि फेडरेशन ने एकल बिंदु GST लागु करने हेतु माननीय प्रधान मंत्री जी को एक निवेदन पत्र प्रेषित किया था और प्रधान मंत्री कार्यालय द्वारा माननीय श्री अरुण जेटली जी की अस्वस्था के चलते , केंद्रीय वित्त सचिव श्री हसमुख अधिया जी को एकल बिंदु GST हेतु अधिकृत किया ,जिस पर फेडरेशन के एक शिष्ट मंडल ने अप्रैल में एक विस्तृत प्रेजेंटेशन प्रस्तुत किया । तत्पश्चात देशभर में लगातार एकल बिंदु GST के समर्थन में व्यापारियों की जगह जगह पर सभाएं हो रही है । प्रस्तावित एकल बिंदु GST के अंतर्गत अंतिम निर्माता से अधिकतम खुदरा/ उपभोक्ता मूल्यों पर GST यदि वसूल कर लिया जाए तो निर्माता से उपभोक्ता के मध्य सभी व्यवसायी वर्ग GST से मुक्ति पा सकते है और सरकार को ,बिना किसी राजस्व हानि , सम्पूर्ण GST की वसूली संभव है । इसके अतिरिक्त GST की चोरी रुक जाएगी और चोरी रुकने से सरकार को ज्यादा टैक्स प्राप्त होगा ।
श्री राजेश्वर पैन्यूली ने बताया कि 2010 में भारत सरकार द्वारा विदेश थोक कैश एंड कैर्री को अनुमति प्रदान की थी । निर्धारित नियमो का उलंघन कर उक्त विदेश थोक व्यवसायी ,देशी खुदरा व्यापारियों के लिए बहुत बड़ा खतरा बन चुके है । इसी सम्बन्ध में फेडरेशन का एक प्रतिनिधि मंडल माननीय वाणिज्य मंत्री श्री सुरेश प्रभु जी से जुलाई मिला और उनके निर्देशानुसार संयुक्त सचिव (DIPP ) से को भेट कर एक विस्तृत चर्चा की ।

श्री राजेश्वर पैन्यूली ने सबसे गंभीर समस्या की और ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि राष्ट्र के खुदरा व्यापार में विदेशी निवेश एवं इ कॉमर्स के बढ़ते प्रभाव से देशी व्यापारी की आजीविका खतरे में पड़ गयी है । खुदरा व्यापार देश में सबसे ज्यादा रोजगार प्रदान करता है और यदि स्वयं उसका ही खतरे में पड़ गया तो बेरोजगार युवाओ को रोज़गार कैसे प्राप्त होगा ।
उपरोक्त पर सरकार के निर्णय में हो रहे विलम्ब से क्षुब्ध हो कर व्यापारी समाज अनिच्छा से आंदोलन की राह पकड़ने के लिए विवश है क्योंकि Justice delayed is Justice denied ।
श्री राजेश्वर पैन्यूली ने सूचना दी है कि दिल्ली , उत्तर प्रदेश, हरियाणा ,पंजाब ,राजस्थान ,गुजरात ,मध्यप्रदेश ,उत्तराखंड,बिहार ,पश्चिम बंगाल , आंध्र प्रदेश, तेलंगना , राज्यों से व्यापारी प्रतिनिधि धरने में शामिल हेतु अपनी स्वीकृति पहले ही दे चुके है ।
फेडरेशन द्वारा पत्र भेज कर माननीय प्रधान मंत्री जी से भी अनुरोध किया गया है कि व्यापारियों की वेदना एवं भावनाओ को समझने के लिए भारत सरकार अपना प्रतिनिधि धरना स्थल पर भेजे जो माननीय प्रधान मंत्री जी को वास्तु स्थिति से अवगत करा सके ।

 

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