देहरादून। राजभवन कूच के दौरान सड़क जाम करने के आरोप में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत समेत कांग्रेस के करीब 200 नेताओं और कार्यकर्ताओं पर मुकदमा दर्ज किया गया है। आरोप है कि इनमें से कई नेताओं और कार्यकर्ताओं ने बैरियर पर तैनात पुलिस कर्मियों से धक्का-मुक्की की। पुलिस के अनुसार, इनके पास प्रदर्शन की कोई अनुमति भी नहीं थी।
राजस्थान में चल रहे राजनीतिक घटनाक्रम के विरोध में सोमवार को कांग्रेस नेता सूर्यकांत धस्माना के नेतृत्व में नेता व कार्यकर्ता राजभवन कूच को निकले थे। इस जुलूस को पुलिस ने हाथीबड़कला बैरियर पर रोकने का प्रयास किया गया। नेताओं से प्रशासन की अनुमति मांगी गई तो उनके पास अनुमति नहीं थी। पुलिस के अनुसार, इन सभी लोगों ने सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन करते हुए नारेबाजी की। साथ ही पुलिस बल के साथ धक्का-मुक्की भी की। मामला इतना बढ़ गया कि भीड़ ने बैरियर पर चढ़ने का प्रयास किया और लगभग 45 मिनट तक सार्वजनिक मार्ग पर जाम लगाए रखा। इस दौरान वहां पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और पूर्व विधायक हीरा सिंह बिष्ट भी मौके पर पहुंच गए। इन दोनों नेताओं ने भी सड़क पर बैठकर नारेबाजी की। इस मामले में इन सभी नेताओं के खिलाफ डालनवाला थाने में बिना अनुमति जुलूस निकालने, महामारी अधिनियम, आपदा प्रबंधन अधिनियम, ड्यूटी पर तैनात पुलिस बल से धक्कामुक्की करने, सड़क जाम करने आदि की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। जिनके खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ उनमें पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, पूर्व विधायक हीरा सिंह बिष्ट, सूर्यकांत धस्माना, लालचंद शर्मा, प्रभुलाल बहुगुणा, विजय सारस्वत, पीके अग्रवाल, आशा मनोरमा डोबरियाल, गौरव चैधरी, अजय सिंह, राजकुमार (पूर्व विधायक), संजय किशोर, हेमा पुरोहित, गोदावरी थापली, श्याम सिंह चैहान समेत 200 कार्यकर्ता शामिल हैं।