देहरादून। चारधाम यात्रा को देखते हुए एसडीआरएफ की टुकड़ियों को 32 जगहों पर तैनात किया गया है। अफसरों के अनुसार, इन कर्मियों के पास हर व्यवधान से निपटने के लिए साजो सामान है। मौसम की भविष्यवाणी को देखते हुए सभी जगहों पर अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विभाग ने तीन मई को बारिश की संभावना जताई है। चारधाम यात्रा के शुुरुआत में ही बारिश के अंदेशे को देखते हुए प्रशासन अलर्ट हो गया है। एसडीआरएफ ने भी अपनी तैयारियों को पूरा करने का दावा किया है। कमांडेंट एसडीआरएफ मणिकांत मिश्रा ने बताया कि 32 जगहों पर अस्थायी पोस्ट बनाई गईं हैं। यहां पर 10 से 12 प्रशिक्षित कर्मियों को तैनात किया गया है। मार्ग पर कई पोस्ट पर जेसीबी और पॉकलैंड मशीनों को भी तैनात किया गया है। ताकि भूस्खलन के समय मार्ग अवरुद्ध होने पर तत्काल खोलने की व्यवस्था की जा सके। एसडीआरएफ की ओर से कर्मियों को थानों में तैनात कर दिया गया है।
चारधाम में एक केदारनाथ यात्रा का अंतिम पड़ाव गौरीकुंड है। यहां से 17 किमी की पैदल दूरी तय कर धाम पहुंचा जाता है। जून 2013 की आपदा के बाद से यात्रा का संचालन सोनप्रयाग से किया जा रहा है। यहां से पैदल मार्ग से घोड़ा-खच्चर व डंडी-कंडी का संचालन होता है। 6 मई से शुरू हो रही केदारनाथ यात्रा में जिला पंचायत के द्वारा घोड़ा-खच्चरों का संचालन किया जा रहा है। अभी तक 2704 घोड़ा-खच्चरों और 650 पोर्टर का पंजीकरण किया जा चुका है। जिला पंचायत द्वारा घोड़ा-खच्चर से केदारनाथ पहुंचने के लिए किराया तय कर दिया गया है, जिसमें सोनप्रयाग से केदारनाथ के लिए 2500 रुपये, गौरीकुंड से केदारनाथ के लिए 2300 रुपये और केदारनाथ से गौरीकुंड के लिए 1500 रुपये तय किया गया है।