देवप्रयाग विधानसभा सीट पर किस का पलड़ा भारी ?

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देेहरादून। देवप्रयाग विधानसभा सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी मन्त्री प्रसाद नैथानी के सामने यूकेडी और भाजपा के प्रत्याशी दूसरे स्थान के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं। देवप्रयाग सीट मन्त्री प्रसाद नैथानी की परम्परागत सीट रही है जहाँ से नैथानी ने तीन बार चुनाव जीतकर दो बार मन्त्री रहे हैं एक बार तिवारी सरकार में तथा दूसरी बार हरीश रावत सरकार में शिक्षा एवं पेयजल मन्त्री रहे हैं, नैथानी देवप्रयाग में विकास के पर्याय हैं, जिस कारण अन्य प्रत्याशी उनके सामने बौने साबित हो रहे हैं।
उनके द्वारा हेमवती नंदन बहुगुणा गढवाल विश्वविद्यालय का चौरास परिसर, देवप्रयाग संगम पर केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय का परिसर, हिन्डोलाखाल में एन सी सी अकादमी का निर्माण, कई विद्यालयों की स्थापना और कईयों का उच्चीकरण किया गया, सैकड़ों सुदूरवर्ती गाँवों को सड़क से जोडा गया, सैकड़ों गाँवों में पानी पहुंचाया गया, देवप्रयाग तक कुम्भ क्षेत्र घोषित किया गया। कई बेरोजगारों को रोजगार देने का काम किया गया, पाँच हजार अतिथि शिक्षकों की भर्ती करवाने के साथ-साथ अनेक विकास कार्य किये गए।

नैथानी धार्मिक, कर्मठ और मृदु स्वभाव के व्यक्ति हैं, जिससे क्षेत्र के आबालवृद्ध उनके प्रति अपनत्व का भाव रखते हैं। नैथानी का क्षेत्र की जनता के साथ हर समय गढवाली में बात करना, अपनी परम्पराओं संजोए रखने का विचार जनता को खूब भा रहा है। ऐसा लग रहा कि देवप्रयाग की जनता अन्य सभी प्रत्याशियों की अपेक्षा नैथानी पर इस बार भी खूब भरोसा जता रही है। एक सर्वे के अनुसार नैथानी लगभग दस हजार मतों के अंतर से एकतरफा जीत प्राप्त कर सकते हैं जबकि यूकेडी के दिवाकर भट्ट एवं भाजपा के विनोद कंडारी दूसरे और तीसरे स्थान पर रह सकते हैं।

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