देहरादून। उत्तराखंड में जून का महीना आते ही कोरोना संक्रमण के मामलों में कमी दिखाई देने लगी है। कोविड कर्फ्यू का असर, संक्रमण का दर और मौत की संख्या पर भी दिखाई दे रहा है। लेकिन हकीकत में स्थितियां इतनी बेहतर नहीं हुई हैं, जितनी इन आंकड़ों से जाहिर हो रहा है। प्रदेश में संक्रमण को लेकर अगर मृत्यु दर और सैंपल पॉजिटिविटी रेट को देखें तो यह सामान्य स्थिति से काफी अधिक दिखाई देते हैं। मृत्यु दर की बात करें तो उत्तराखंड देश में न केवल राष्ट्रीय औसत से कहीं ऊपर दिखाई देता है।
देशभर में पंजाब के बाद उत्तराखंड मृत्यु दर में दूसरे नंबर पर है। पंजाब में 2.6 प्रतिशत मृत्यु दर है तो उत्तराखंड में 2 प्रतिशत और तीसरे नंबर पर रहने वाले नागालैंड में 1.9 प्रतिशत मृत्यु दर है। 1 जून से 5 जून तक का रिकॉर्ड देखे तो 1 जून को जहां मृत्यु दर 1.97 प्रतिशत था तो वहीं 3 जून को मृत्यु दर बढ़कर 1.98 प्रतिशत हो गया। 4 जून को यह आंकडा बढ़कर 1.99 प्रतिशत हो गया, वहीं 5 जून को मृत्यु दर और भी बढ़ गया और अब मृत्यु दर 2 प्रतिशत हो चुका है। इस तरह भले ही आंकड़े कुछ काम होते हुए दिखाई दे रहे हो लेकिन मृत्यु दर को लेकर स्थितियां अभी परेशानी भरी है। राज्य में सैंपल पॉजिटिविटी रेट को देखें तो अब भी प्रदेश में सैंपल पॉजिटिविटी रेट 6.76 प्रतिशत है।