हल्द्वानी। संकट की इस घड़ी में कोरोना वॉरियर्स को हर तरह से सपोर्ट किया जा रहा है। पीएम मोदी से लेकर राज्य सरकारों तक ने उनका हौसला बढ़ाने के साथ सहयोग करने की अपील की है। यह स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी है कि कॉलोनी के लोग और मकान मालिक उनके साथ गलत व्यवहार न करें। इसके बावजूद लोग नासमझी दिखा रहे हैं। विवेकानंद हॉस्पिटल के स्टाफ के साथ ज्यादती का मामला सामने आया है।
हॉस्पिटल के निदेशक और शहर के वरिष्ठ न्यूरो सर्जन डॉ महेश शर्मा ने बताया कि सभी स्टाफ की रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद भी उन्हें परेशान किया जा रहा है। जबकि हॉस्पिटल का ज्यादातर स्टाफ सेल्फ क्वारंटाइन है और बचे हुए कोरोना वॉरियर्स ही सेवाएं दे रहे हैं। हम लोग खुद वीडियो कांफ्रेसिंग से लोगों का इलाज कर रहे हैं। ऐसे में लोगों का यह व्यवहार बेहद दुखद है। इस बारे में उन्होंने सीओ साहब और सिटी मजिस्ट्रेट को अवगत करा दिया है। इसके साथ ही ट्वीट कर भी अपनी बात लोगों से साझा की है। पिछले दिनों एम्स ऋषिकेश में एक महिला मरीज में कोरोना पॉजिटिव पाया गया। जिसकी आज यानी शुक्रवार को मौत हो गई है। लालकुआं निवासी महिला को ब्रेन स्ट्रोक हुआ था। एम्स में भर्ती होने से पहले उसे हल्द्वानी के बृजलाल हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। जहां से उसे विवेकानंद हॉस्पिटल हल्द्वानी रेफर कर दिया गया। वहां से श्री राम मूर्ति हॉस्पिटल बरेली रेफर किया गया। 22 अप्रैल को सुबह करीब तीन बजे एम्स ऋषिकेश में एडमिट कराया गया था। विवेकानन्द हॉस्पिटल के स्टाफ़ से अमानवीय व्यवहार ना करें । इस मुश्किल समय में अस्पताल के सभी कर्मचारी आमजन की स्वास्थ्य के लिए एक जुट हो कर मेहनत कर रहे हैं, उनका मनोबल ना गिराएं । जहाँ एक ओर doctors और नर्सिंग स्टाफ़ पर हम लोग फूलों की बारिश के विडीओज viral होते देख रहे हैं वहीं दूसरी ओर हल्द्वानी में उनको अपनी कॉलोनी में ना आने की धमकी दी जा रही है।