देहरादून। उत्तराखण्ड प्रदेश कांग्रेस की गढ़वाल मण्डल मीडिया प्रभारी गरिमा माहरा दसौनी ने उत्तराखण्ड सरकार पर भ्रष्टाचार को संरक्षण देने का बड़ा आरोप लगाया है। दसौनी ने भाजपा को घेरते हुए कहा कि जीरो टॉलेरेन्स की नीति पर काम करने का आडम्बर करने वाली भाजपा, राजनैतिक सुचिता और पारदर्षी कार्यशैली का ढोल पीटने वाली भाजपा का असली रूप सबके सामने आ चुका है। दसौनी ने कहा कि यूपीसीएल एवं पिटकुल में प्रबंध निदेषक अनिल कुमार यादव पर बहुत बडे भ्रश्टाचार के आरोप हैं। दसौनी ने बाताया कि आईएमपी ट्रॉस्फॉमर की खरीद में बडा भ्रश्टाचार हुआ है और सभी उंगुलियां प्रबंध महानिदेशक अनिल कुमार यादव की ओर इषारा कर रही है। दसौनी ने कहा आम तौर पर टेंडर प्रक्रिया के अन्तर्गत सबसे कम रेटवाली कम्पनी को टेंडर दिया जाता है लेकिन यादव ने अपने पद का दुरपयोग करते हुए अधिक रेट कोट करने वाली कम्पनी को टंेडर दे दिया। दसौनी ने कहा कि हद तो तब हो गई जब उक्त टेंडर की राज्य सरकार द्वारा जॉच भी कराई गई परन्तु ना जॉच की रिपोर्ट सामने आई ना ही घोटाला साबित हुआ और ना ही इस अधिकारी का कोई बालबांका कर पाया। और तो और भ्रश्टाचार के आरोपों से घिरे हुए अनिल कुमार यादव ाके मुख्यमंत्री ने चार अन्य महत्वपूर्ण विभागों के निदेषक का अतिरिक्त प्रभार भी सौंप दिया। दसौनी ने कहा कि खरीदे गये ट्रॉस्फॉमरों की संख्या पर भी प्रष्नचिन्ह है और कीमत पर भी। गरिमा ने कहा कि उक्त अधिकारी पर अपने ही पुत्र को विद्युत विभाग में मेंटनेन्स व रखरखाव का ठेका देने का भी आरोप है। दसौनी ने कहा कि आज जब पूरा राज्य लगातार हो रही विद्युत कटौती से जुझ रहा है वहीं ऊर्जा विभाग लगातार अपने काले कारनामों के लिए सुर्खियां बटोर रहा है। गरिमा ने कहा कि यह विभाग हजारों करोडों के घाटे में चल रहा है, विभागीय अधिकारियों के आपसी बंदरबांट के कारण राज्य को हर माह करोडों का चूना लग रहा है और राज्य सरकार धृतराश्ट्र बनकर बैठी है और उत्तराखण्ड लगातार अधिकारी लूट रहे हैं।