धक्का मुक्की और अफरा तफरी का ये माहोल राजधानी देहरादून का है जहा प्रमुख विपक्षी दल कॉंग्रेस, आपदा के मुद्दे पर सीएम धामी से मिलने का समय नहीं मिलने से खफा नजर आ रही है । इस दौरान कोंग्रेसी पुलिस कर्मियों से भिड़ गए और पुलिस से उनकी तीखी नोक झोंक भी हुई ।
वही सीएम की सुरक्षा मे भारी चूक भी देखने को मिली जब बिना पूर्वसूचना के विपक्षी दल के कार्यकर्ता सीएम से मिलने पहुच गए । इतना ही नहीं महिला पुलिस कर्मियों के मौजूद नहीं होने से काँग्रेस की महिला नेत्रीयो को कोई भी सुरक्षा कर्मी रोक नहीं सका। तो क्या सीएम कार्यालय जोशी मठ आपदा मे इतना व्यस्त हो गया की सीएम की सुरक्षा को ही हल्के मे ले लिया?
इस दिनो उत्तराखंड में जोशीमठ आपदा को लेकर सभी अधिकारी कर्मचारी अपने अपने काम में व्यस्त नजर आ रहे हैं वहीं राजनीतिक लोग ही अपने अपने दिनचर्या में व्यस्त हैं ऐसे में मुख्य विपक्षी कांग्रेस भी लगातार कई दिनों से जोशीमठ भू धँसाव की आपदा को लेकर सीएम से मिलने का प्रयास कर रही थी, लेकिन समय नहीं मिला तो नाराज कांग्रेस पार्टी के लोग बिना बताए बिना पूर्व सूचना के सीएम से मिलने चले गए
जबकि पूर्व में मुख्यमंत्री आवास के बाहर धरने को लेकर पुलिस विभाग की ओर से सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की हुई थी। यह तीसरी बार है जब सीएम आवास के बाहर धरना प्रदर्शन किया गया। इससे पुलिस व एलआइयू की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं।
पुलिस के सुरक्षा घेरे पर फिर सवाल खड़े हुए है कि आखिर जब यह मार्ग प्रतिबंधित घोषित किया गया है तो यहां तक कांग्रेसी कैसे पहुंच गए । यहां तमाम पुरुष पुलिसकर्मी तैनात रहते हैं, जबकि महिला आंदोलनकारी को रोकने के लिए कोई भी महिला पुलिसकर्मी नहीं थी।
इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि सिस्टम की लापरवाही सुरक्षा में कितनी बड़ी चूक पैदा कर सकती है। ।
हालांकि उसके बाद पूर्व सीएम हरीश रावत के नेतृत्व मे कोंग्रेसी नेताओ ने सीएम धामी से मुलाक़ात की और आपदा को लेकर अपने सुझाव दिये