छात्र संघ ने फूंका चंपावत पीएमएस का पुलता।
- गुटबाजी के चलते स्वास्थ सुविधाओं पर पड़ रहा है असर
- संगठन ने चंपावत जिला अस्पता से पीएमसए को हटाने की मांग।
-जिला अस्पताल के पीएमएस का निजी हाॅस्पिटलों से लगाया सांठ-गाठ का आरोप।
चंपावत जिला अस्पताल काफी लम्बे समय से रेफर सेन्टर बना हुआ था जिसमें नए गायनी और सर्जन के आने से व्यवस्थओं में सुधार आ ही रहा था। जो स्वास्थ विभाग के उच्च अधिकारीयों को राश नही आया। जिससे नाराज सभी संगठनों ने एकजुट होकर शुक्रवार को जिला मुख्याल में चंपावत स्वास्थ विभाग प्रबन्धन का पुतला दहन किया। जिसके बाद भी मामला नही रूका तो आज शनिवार को छात्र संगठन के युवाओं ने जिला अस्पताल के पीएमएस का पुतला दहन कर तबादले की मांग की है। - संगठन के कार्यकर्ताओं का कहना है कि नए आए हुए डाक्टरों पर दवाव बनाया जा रहा है कि पुराने तरीके से ही काम किया जाऐगा। जबकी नए दंपती डाक्टार दिन रात यहां की जनता की सेवा कर रहे है। 15 जून को कार्यभार ग्रहण करने के बाद से बात की जाए तो दो माह में करीब सौ जटिल प्रसव करा चुके है जो पहले यहां से रेफर किए जाते थे। साथ ही संगठन के कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि जिला अस्पताल के उच्चधाकारियों के निजी हाॅस्पिटलों से सांठ-गांठ है। जिसके बाद छात्र संगठन ने चंपावत स्वास्थ विभाग के उच्चाधिकारीयों को हटाने की मांग की है।
- अगर इनको नही हटाया गया है कि छात्र संगठन आन्दोलन करेगा। यहां की जनता को जिला अस्पताल के अच्चाधिकारीयों के उपर आक्रोश पैदा हो गया है। साथ ही सभी सगठन के लोगों ने कहा ने आरोप लगाया है कि जिला अस्पताल के अच्चधिकारी गायनी और सर्जन को सहयोग भी नही कर रहे है। जिससे साफ स्पष्ट होता है कि अच्चधिकारीयों की निजी हाॅस्पिटिल से सांठ गांठ पहले से रह रही होगी। नए दंपती के आने से यहां के लोगों को काफी राहत मिल रही है। जिससे यहां के लोगों को निजि हाॅस्पिटलों की बजाए सरकारी अस्पताल में ही सभी सुविधाएं मिल रही है।
नाथ सिंह बोहरा पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष चंपावत