DHARALI आपदा ने तोड़ी थी लाइफलाइन -गंगनानी से आगे लिमच्यागाड़ पुल -3 दिन में वैली ब्रिज तैयार

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“लिमच्यागाड़ में चमत्कारिक कामयाबी — सिर्फ 3 दिन में वैली ब्रिज तैयार, सोनगाड़ तक सड़क संपर्क बहाल”

मुख्यमंत्री धामी की लगातार निगरानी और युद्धस्तरीय कार्य से गंगोत्री मार्ग पर फिर दौड़ी राहत की रफ्तार


🌉 तीन दिन में लौटा जीवन का रास्ता

गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर लिमच्यागाड़ में आपदा से टूटा 30 मीटर का पुल अब वैली ब्रिज के रूप में फिर खड़ा हो गया है।
सिर्फ तीन दिनों की कड़ी मेहनत ने वह कर दिखाया, जिससे सोनगाड़ तक का सड़क संपर्क फिर बहाल हो गया।


🌊 आपदा ने तोड़ी थी लाइफलाइन

हाल ही की अतिवृष्टि ने गंगनानी से आगे लिमच्यागाड़ पुल को बहा दिया था।
सीमांत टकनौर क्षेत्र की यह सड़क जीवनरेखा मानी जाती है, लेकिन पुल टूटने से यह रास्ता पूरी तरह से थम गया था।


🏗 मुख्यमंत्री की सीधी निगरानी

आपदा के तुरंत बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मौके पर पहुंचे।
“एक-एक मिनट कीमती है, लोगों की जान और राहत का सवाल है” — सीएम धामी
उन्होंने आदेश दिया कि राहत और पुनर्निर्माण युद्धस्तर पर हो


🤝 राज्य-केंद्र का संयुक्त मिशन

सीमा सड़क संगठन (BRO) और लोक निर्माण विभाग (लोनिवि) ने मिलकर
दिन-रात काम किया और रविवार शाम को वैली ब्रिज का चुनौतीपूर्ण निर्माण पूरा कर दिया।


अब आगे बढ़ेगा पुनर्निर्माण

सड़क संपर्क बहाल होने के बाद अब आगे क्षतिग्रस्त हिस्सों का तेजी से पुनर्निर्माण संभव होगा।
इसके साथ ही राहत सामग्री, बिजली, पेयजल और संचार सेवाएं और तेजी से बहाल होंगी।


🔚 आपदा पर विजय का प्रतीक

लिमच्यागाड़ का यह वैली ब्रिज सिर्फ लोहे और सीमेंट का ढांचा नहीं,
यह आशा, साहस और एकजुट प्रयास का प्रतीक है।


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