मानसून में आपदा से पूर्व, आपदा के समय और आपदा के बाद तैयारियो के कई मौके ड्रिल के बाद भी घायलों को हायर सेंटर भेजने में एम्बुलेंस न मिलने से घटना स्थल पर डीएम उत्तरकाशी आशीष चौहान द्वारा की गई त्वरित कार्यवाही को भी धूमिल कर दिया। मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुरूप और राज्य सभा सांसद की निधि से उत्तरकाशी जिला अस्पताल की काया पलट फिलहाल भी एक सपना ही बना हुआ है। गौर करने वाली बात ये है कि ज़ोन 4 और 5 में होने के चलते जनपद में आपदाओं से आमना सामना होने की बात तो बराबर कही जाती है पर आपदा के बाद हुए नुकसान को न्यून करने के प्रयास अक्सर फाइलों में अटक जाते है। सीमांत जनपद उत्तरकाशी में हादसा होने की दशा में जिला अस्पताल के बाद ऋषिकेश या देहरादून में ही मेडिकल हेल्प मिल पाती है। जिला अस्पताल में फिजिसियन तक नही है आईसीयू भी नही है ऐसे में खस्ताहाल सड़क पर हिचकोले खाते हुए हायर सेंटर के लिए मार्ग में दम तोड़ देना घायल अथवा मरीज की नियति सी बन गयी है।
गंगोत्री राजमार्ग पर भटवाडी के पास हुए सड़क हादसे में घायल युवती को अस्पताल पहुचाने के लिए मौके पर मौजूद एम्बुलेंस के वावजूद टैक्सी से जिला अस्पताल भेजा गया। जिला अस्पताल से देहरादून रैफर करने के लिए अस्पताल में कोई एम्बुलेंस मौजूद न होने पर एक एनजीओ से और एक सीएचसी चिन्यालीसौड़ से एम्बुलेंस मंगानी पड़ी।
जिला अस्पताल में एम्बुलेंस न होना चिन्यालीसौड़ से एम्बुलेंस मंगवाना यहाँ तक ही मुश्किल पीछा छोड़ने वाली न थी। चिन्यालीसौड़ एंबुलेंस के चालक मुकेश पूरी की माने तो रात का समय था और तेज वर्षा के कारण सड़क कई जगह अवरुद्ध थी। साथ मे गैणु लाल एक वार्ड बॉय थे , किसी तरह से सड़क पर गिरे पेड़ो को हटाया । कुछ स्थानों पर बड़े बोल्डर हटाने में बहुत समय और ऊर्जा बर्बाद हुई । इन सके बाद भी साढ़े तीन घंटे में मरीज को देहरादून के मैक्स अस्पताल में पहुचाने पर खुद की जिम्मेदारी सफलता पूर्वक निर्वहन करने को लेकर एक शुकुन उनके चेहरे पर था।
बरसाती रात में कई स्थानों पर सड़क में टूट फुट और सड़क पर गिरे हुए पेड़ो और बड़े बोल्डर को हटाने के बाद मैक्स अस्पताल तक विपरीत परिस्थिति में पहुचना छोटा काम नही था। चालक की माने तो हादसे के बाद पूर्व विधायक के अलावा किसी ने भी घायल के बारे में पूछताछ नही की।
मुकेश आगे बताते है कि मरीज को पहुचाने के बाद उन्हें अहसास हुआ कि जिस कदर रात को तेज वर्षा ही रही थी और सड़क पर बोल्डर गिर रहे थे, भगवान का लाख शुक्र है कि फिर कोई हादसा नही हुआ और वे सकुशल मरीज के साथ पहुँच गए। इस बीच दो बार पूर्व विधायक विजयपाल सजवाण ने मरीज के साथ उनकी कुशलता पूछी अन्य सभी ने मानो अपनी जिम्मेदारी की इतिश्री कर ली थी।
अपने लंबे अनुभव के आधार पर मुकेश पूरी ने बताया कि रात के समय खस्ताहाल सड़क पर मानसून के दौरान एम्बुलेंस के साथ अतिरिक्त स्टाफ भेजा जाना चाहिए था क्योंकि मार्ग में कोई भी अवरोध होने पर यदि घायल को अस्पताल पहुचाने में देर होने से कोई अनहोनी होती तो उसका सबको हमेसा मलाल रहता।
बताते चले कि सोमवार को भटवाडी से 7 किमी आगे गंगोत्री की तरफ 15 सवारियों से भरा टेम्पो ट्रेवलर पहाड़ी से आये मलवे की चपेट में आकर खाई में गिर गया था जिसमें 13 लोगो की मौके पर ही मौत हो गयी थी जबकि एक युवती में हायर सेंटर ले जाते समय रास्ते मे दम तोड़ दिया था।