पावर बैंक एप से ठगी के मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने दर्ज किया मुकदमा

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देहरादून। चर्चित पावर बैंक एप से ठगी के मामले में अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी मुकदमा दर्ज किया है। एप के माध्यम से लोगों का धन दोगुना करने का झांसा देकर देशभर में 400 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी की गई थी। साइबर ठगों ने सुनियोजित ढंग से देश का पैसा क्रिप्टो करेंसी के माध्यम से चीन भेजा था। ठगी में देशभर के कुछ चार्टेड एकाउंटेंट और कुछ कंपनियां भी शामिल हैं।
इस मामले में कार्रवाई की शुरुआत जून 2021 में उत्तराखंड से हुई थी। हरिद्वार निवासी एक युवक से 15 दिन में धन दोगुना करने का लालच देकर 12 लाख रुपये ठगे गए थे। इसके बाद एसटीएफ ने मुकदमा दर्ज कर जांच की और आठ जून 2021 को एक आरोपी को गिरफ्तार किया था। इसके बाद दूसरे राज्यों की पुलिस भी सक्रिय हुई और फिर देशभर में 250 से अधिक मुकदमे दर्ज हुए। दिल्ली, बंगलूरू, उत्तराखंड, हरियाणा की पुलिस ने इस मामले में 20 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया था।
उत्तराखंड एसटीएफ ने 30 बैंक खातों में पांच करोड़ रुपये से अधिक फ्रीज कराए थे। लुधियाना के एक कारोबारी को भी एसटीएफ ने गिरफ्तार किया था। इसी क्रम में ईडी की एक टीम उत्तराखंड एसटीएफ के पास पहुंची थी। यहां से इस केस के संबंध में तमाम दस्तावेज जुटाए गए। इसके बाद ईडी ने इस मामले में एक क्रिप्टो एक्सचेंज, 11 कंपनियों (फर्जी कंपनियां और उनके डायरेक्टर), चार चार्टेड अकाउंटेंट आदि के खिलाफ प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत मुकदमा दर्ज किया है। हालांकि, इस पूरे मामले में उत्तराखंड निवासी किसी आरोपी का नाम नहीं है। लिहाजा, इस मुकदमे की जांच ईडी की दिल्ली ब्रांच में की जा रही है। ईडी के स्थानीय सूत्रों के अनुसार, एसटीएफ से कुछ और जानकारियां जुटाई जा रही हैं। इसमें चीनी मूल के कुछ लोगों के नाम भी सामने आए हैं। इनके लिए उत्तराखंड एसटीएफ पहले ही इंटरपोल को लिख चुकी है। अब ईडी भी इंटरपोल से पत्राचार कर रही है।

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