अस्पताल में सुविधाएं गायब, तहसील में अंधेरा! डीएम नितिका का सख्त रुख

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टिहरी की डीएम का सख्त एक्शन!
जाखणीधार के अस्पताल और तहसील में खामियों पर जताई नाराजगी, टेलीमेडिसिन नदारद, स्टाफ को फटकार


🔎 ज़मीनी हकीकत जानने उतरीं डीएम नितिका खंडेलवाल
जनसुनवाई के बाद पहुंचीं अस्पताल और तहसील, लापरवाही देख जताई कड़ी नाराजगी


जाखणीधार, टिहरी गढ़वाल।
गुरुवार को जब टिहरी की जिलाधिकारी नितिका खंडेलवाल विकासखंड जाखणीधार पहुंचीं, तो प्रशासन के पसीने छूट गए। पीएम श्री राजकीय इंटर कॉलेज में जनसुनवाई के बाद डीएम सीधे पहुंचीं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जाखणीधार, जहां का हाल देख वे नाराज हो गईं।

अस्पताल में स्टाफ की स्थिति, दवाओं की उपलब्धता, और खासकर बंदरों के काटने पर दी जाने वाली सुविधा पर डीएम ने बारीकी से सवाल-जवाब किए।
लेकिन जब पता चला कि टेलीमेडिसिन जैसी जरूरी सुविधा यहां मौजूद ही नहीं है — तो डीएम का पारा चढ़ गया। उन्होंने सीएमओ को सख्त लहजे में 24 घंटे के भीतर रिपोर्ट देने का आदेश दिया।


🏥 स्वास्थ्य केंद्र की पोल खुली!

“आज जब तकनीक गांव तक पहुंच चुकी है, वहां टेलीमेडिसिन की अनुपस्थिति दुर्भाग्यपूर्ण है।” – डीएम नितिका खंडेलवाल


इसके बाद डीएम ने तहसील जाखणीधार का भी औचक निरीक्षण किया।

  • नाजिर कक्ष, तहसीलदार कक्ष और मॉडर्न रिकॉर्ड रूम का जायजा लिया।
  • उन्होंने कार्मिकों की उपस्थिति पंजिका और लंबित वादों की फाइलें भी देखीं।
  • परिसर में प्रकाश की व्यवस्था न होने पर उपजिलाधिकारी संदीप कुमार को उरेडा से संपर्क कर लाइट लगवाने के निर्देश दिए।

📣 स्थानीय प्रतिक्रिया

स्थानीय निवासी कमल सिंह नेगी ने कहा –

“हमने कभी डीएम को इतने करीब से काम करते नहीं देखा था। उनकी जांच से उम्मीद है कि अब व्यवस्थाएं सुधरेंगी।”


🔚 अंतिम संदेश

नेता और अफसर केवल फाइलों पर नहीं, ज़मीन पर उतरें — तो ही व्यवस्था बदलेगी।
डीएम नितिका खंडेलवाल का यह दौरा एक संदेश है — सिस्टम को सिर्फ बैठकर नहीं, चलकर ठीक किया जाता है।


📌 क्या अब सुधरेंगे हालात? क्या टेलीमेडिसिन जैसी सेवाएं हर गांव तक पहुंचेंगी? ये सवाल प्रशासन और जनता दोनों से जवाब मांगते हैं…

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