रविवार को गंगोत्री धाम में समस्त तीर्थ पुरोहितों हक हाकूक धारियों और व्यापारियों की एक आवश्यक बैठक हुई जिसमें 1 अक्तूबर को गंगोत्री मंदिर सहित पुजा कार्य और समस्त व्यापारिक गतिविधिया बंद रखने का निर्णय लिया गया है |
गौरतलब है की पूर्व सीएम त्रिवेन्द्र रावत के साथ पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज के देवस्थानम बोर्ड बयान के बाद तीर्थ पुरोहितो ने विरोध प्रदर्शन करते हुए पुतला दहन किया था साथ ही धाम मे लगातार विरोध प्रदर्शन हुए थे | नए सीएम धामी ने आने के बाद ही चारो धामो मे नामित सदस्यो मे मंदिर समिति के लोगो को सामिल करते हुए मनोहर कान्त ध्यानी के नेतृत्व मे हाई पावर कमेटी का गठन किया था | अब जब चारो धाम के कपाट बंद होने को हाई और 6 महीने के लिए धाम की राजनीति ठंडे बस्ते मे जाने की आशंका है | इसी बीच विधान सभा चुनाव संपान्न होने से पांडा समाज अपना दबाव कम होने से शंकित है |
समिति के सूत्रो ने बताया कि 11 सितंबर को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुसकर सिंह धामी के साथ हुई वार्ता में 30 अक्टूबर तक देवस्थानम बोर्ड को भंग किए जाने का निर्णय लिया जाना था किंतु सरकार के द्वारा अभी तक किसी प्रकार का कोई निर्णय नहीं लिया गया, जिसके बाद गुस्साये तीर्थ पुरोहितो ने मिलकर निर्णय लिया कि 1 नवंबर को संपूर्ण गंगोत्री बंद रहेगी गंगोत्री धाम मैं व्यापार मंडल पूर्ण बंद और किसी प्रकार की भी पूजा पाठ का कार्य नहीं होगा | साथ ही सुबह 10:00 बजे एक रैली का आयोजन किया जाएगा