गंगोत्री : वारुणावत उपचार से चोट खाई कॉंग्रेस को एनएचआईडीसीएल ने दे दिया पलवटवार का मौका – एनएच पर दूसरा फेलियर

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लंबे समय से राजनैतिक रूप से शांत पड़ी गंगोत्री विधानसभा मे अब सड़क चौडीकरण और सुरक्षात्मक कार्य मे लगी एनएचआईडीसीएल के फेलियर पर विपक्ष को एक मुद्दा मिल गया है | वारुणावत त्रासदी के बाद पहाड़ी के उपचार के दौरान इसी तरह के आरोप झेलने वाली कॉंग्रेस को उसी तर्ज मे बीजेपी को  जबाब देने का मौका मिल गया है | गंगोत्री विधान सभा से बीजेपी विधायक के अचानक निधन के बाद शांत पड़ी गंगोत्री मे अब एक बार फिर राजनैतिक रूप से गर्माहट  आ गयी है |गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर मुख्यालय के नजदीकी बड़ेथी चुंगी के पास NHIDCL द्वारा निर्माणाधीन ओपन टनल के निचले हिस्से में भारी भूस्खलन पर सवाल खड़े करते हुए गंगोत्री के पूर्व कोंग्रेसी विधायक विजयपाल सजवाण ने  निर्माण कम्पनी की लापरवाही ओर अदूरदर्शिता पर हमलावरतेवर अपना लिए है |

जिलाधिकारी को लिखे अपने पत्र मे  पूर्व विधायक विजयपाल सजवाण ने बिना सटीक सर्वे ओर लूज़ हिस्से में सुरक्षात्मक कार्य किये बिना इस तरह के निर्माण कार्य पर उठाए है | उन्होने इस  मामले में जिलाधिकारी से उच्चस्तरीय जांच बैठाकर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करने की मांग की।

बताते चले कि धरासू-उत्तरकाशी राष्ट्रीय राजमार्ग पर बड़ेथी चुंगी के पास पिछले साल से 28 करोड़ की लागत से सड़क चौड़ीकरण एवं सुरक्षात्मक कार्य किया जा रहा है जो निर्माण कम्पनी की अदूरदर्शिता से पूरी तरह फेल साबित हुआ है। इसके बाद पुनः पिछले 6 माह से 28.3 करोड़ की लागत से 310 मीटर ओपन सड़क सुरक्षा गैलेरी बनाई जा रही है। किन्तु यहां भी निर्माण कंपनी की  एक ओर लापरवाही सामने आई है। पूर्व विधायक विजयपाल सजवाण ने कम्पनी की कार्यशैली पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि भूस्खलन की दृष्टि से अति संवेदनशील होने के बावजूद बिना सटीक सर्वे एवं निचले लूज़ हिस्से में बिना सुरक्षात्मक  कार्य किये ओपन टनल का निर्माण किया जा रहा है, जिसका निचला हिस्सा मानसून  की  पहली ही वर्षा में भरभरा कर भागीरथी में समा गया है ,  उक्त स्थान एक  बड़ी आबादी को उत्तरकाशी जिला मुख्यालय से जोड़ता है| गनीमत ये रही कि भूस्खलन से कोई जानमाल का नुकसान नही हुआ । उन्होंने कहा कि यहां कार्यरत निर्माण कम्पनी पहले भी विवादित रही है और अब इतनी बड़ी धनराशि खर्च होने के बावजूद एक ही वर्षात में इस तरह की घटना कम्पनी की घटिया गुणवत्ता और अदूरदर्शिता पर सवाल खड़ा करती है। ये सरासर सरकारी धन की लूट है। उक्त संदर्भ में उन्होंने जिलाधिकारी से ओपन टनल के निचले हिस्से में हुए भूस्खलन को गंभीरता से लेते हुए निर्माण कम्पनी की लापरवाही पर उच्च स्तरीय जांच बैठाकर दोषियों के खिलाफ कार्यवाही करने की मांग की है |

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