सूर्य की किरणों के घर की खिड़की से अंदर तक झांकने के बाद देर से उठने वाले आधुनिक नौजवानो की स्थिति भांप कर गीतकार ने समय रहते ही गीत बना डाला था।
पहले सासु अपनी ब्वारी को ही सुनाती थी , अब तो बेटी, बेटा सभी सूर्यदेव के प्रकट होने और सूर्य किरणों के घर तक पहुचने के बाद ही उठते है। गीत से संदेश देंती दीदी जी