सरकार काम कम और दिखावा ज्यादा कर रहीः गणेश गोदियाल

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देहरादून। अभी उत्तराखंड जोशीमठ त्रासदी के जख्मों से पूरी तरह से उबर भी नहीं पाया था कि सरकार के भ्रष्ट अधिकारियों एवं भाजपा सरकार की नाक के नीचे हो रहे पटवारी लेखपाल पेपर लीक मामले ने उत्तराखंड को झकझोर कर रख दिया है, जिसने उत्तराखंड के युवाओं के साथ छल तो किया ही है बल्कि उनके विश्वास को भी ठेस पहुॅचायी है। यह कहना है उत्तराखंड कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष गणेश गोदियाल का। शनिवार को उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय देहरादून में पत्रकार वार्ता को सम्बोधित करते हुए गोदियाल ने कहा कि जोशीमठ की आपदा में विपक्षी दल एवं जोशीमठ की स्थानीय जनता राज्य सरकार से जिन ठोस कदमों की उम्मीद कर रही थी वो मुद्ये कैबिनेट बैठक में नदारद दिखें।
गोदियाल ने कहा कि वर्तमान सरकार काम कम करना चाह रही है और दिखावा ज्यादा कर रही है। गोदियाल ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने सरकार से मांग की थी कि बद्रीनाथ में जो मुआवजे का आधार बनाया गया था वहीं मुआवजे का आधार जोशीमठ के प्रभावितों के लिए बनाया जाए लेकिन बड़ी चिंता का विषय यह है कि सरकार की कैबिनेट की बैठक में इस विषय पर कोई निर्णय नहीं लिया गया। राज्य सरकार मुआवजे के मामले में स्पष्ट बयान नहीं दे रही है। मुआवजा कितना होगा इस पर जोशीमठ की जनता की निगाहें टिकी हैं।
गोदियाल ने जानकारी देते हुए बताया कि पूर्व में एनटीपीसी द्वारा जोशीमठ नगर पालिका के साथ एक करार किया गया था कि स्थानीय मकानों, दुकानों एवं स्थायी अचल सम्पति का एनटीपीसी के द्वारा बीमा कराया जाएगा और यदि टनल के निर्माण के दौरान कोई नुकसान होता है तो एनटीपीसी उन तमाम मकानों, अचल संपत्तियों को नुकसान की भरपाई करेगी। गोदियाल ने कहा कि एनटीपीसी द्वारा अपना वादा नहीं निभाया गया है जिसके लिए राज्य सरकार को एनटीपीसी को दंडित भी करना चाहिए। गोदियाल ने कहा कि क्या कैबिनेट बैठक सिर्फ इसलिए बुलाई गयी थी कि प्रभावितों का किराया 4 हजार से बढ़ाकर 5 हजार किया जाए? और केन्द्र सरकार से जोशीमठ मामले में राहत पैकेज का प्रस्ताव बनाकर भेजने में राज्य सरकार इतना ढीला ढाला रवैया क्यों अपना रही है? जबकि यह उत्तराखंड में आयी हुयी इमरजेंसी का मामला है इसमें राज्य को बहुत ही मुस्तैदी दिखानी चाहिए थी। गोदियाल ने कहा कि राज्य के अन्दर नौकरियां बेची जा रही हैं पहले ही यूकेसीसीसी के भर्ती लीक मामले में राज्य सरकार की अच्छी खासी किरकिरी हो चुकी है। सहकारिता विभाग में भी अवैध नियुक्तियों में सरकार कटघरे में घिर चुकी हैं और अब यह पटवारी लेखपाल भर्ती घोटाला जिसने उत्तराखंड की जनता को भौचक्का कर दिया है खासकर के युवा वर्ग की तो जैसे उम्मीद ही टूट चुकी है।
गोदियाल ने कहा कि कल हुई कैबिनेट बैठक में राज्य सरकार ने जिस तरह से नकल विरोधी कडा कानून बनाने की बात कही है वह स्वागत योग्य है परन्तु पटवारी लेखपाल भर्ती घोटाले में संलिप्त मुख्य आरोपी अन्य कितनी और भर्तियों में सलिप्त है या था यह सरकार को सार्वजनिक करना चाहिए। गोदियाल ने कहा कि पीसीएस मेंस की परिक्षाएॅ प्रस्तावित है ऐसे में इस बात की क्या गारंटी है कि उसका प्रश्न पत्र लीक नहीं हुआ होगा। गोदियाल ने चिंता जताई कि प्रतीत होता है कि भर्ती परीक्षाओं का तंत्र सरकार के हाथों से फिसलता जा रहा है। अमीर और गरीब में पक्षपात हो रहा है जो अभ्यर्थी प्रश्न पत्र खरीदने की हैसियत रखता है वही धामी सरकार में नौकरी का हकदार होगा बाकि सब बेरोजगार रहेगें। गोदियाल ने पटवारी लेखपाल भर्ती घोटाले में संलिप्त अधिकारी के किसी कोचिंग इंस्टीट्यूट के मालिक के साथ पिछले दस सालों से सम्पर्क में होने की बात भी कही जो कि अत्यंत गंभीर एवं चिंताजनक है और जिसकी छानबीन और खुलासा होना चाहिए।
गोदियाल ने कहा कि जनपद उत्तरकाशी के मोरी ब्लॉक में एक अनुसूचित जाति के लड़के को मन्दिर परिसर में दर्शन के लिए प्रवेश करने पर उस लड़के को सारी रात जलती हुई लकडियों में पीटा गया यह बहुत ही निंदनीय है और राज्य सरकार धर्मांतरण कानून पर वाहवाही लूट रही है। गोदियाल ने इस तरह के प्रकरणों की पुर्नावर्ती न हो यह राज्य सरकार अपेक्षा की है और आरोपी को सख्त से सख्त दण्ड देने की अपेक्षा की है ताकि दुसरों के लिए उदाहरण प्रस्तुत किया जा सके। गोदियाल ने कहा कि पौडी में अंकिता भण्डारी हत्याकांड जनभावनाओं से जुड़ा हुआ मुद्या है जो हाशिए पर नही जाना चाहिए बल्कि राज्य सरकार को उस मामले में भी पैनी नजर रखते हुए आरोपियों को सख्त से सख्त दण्ड मिले यह सुनिश्चित करना होगा।
पत्रकार वार्ता में प्रदेश उपाध्यक्ष संगठन मथुरा दत्त जोशी, मुख्य प्रवक्ता गरिमा माहरा दसौनी, एस0सी विभाग के अध्यक्ष दर्शन लाल, अमरजीत सिंह, अश्विनी बहुगुणा, शीशपाल बिष्ट, राजेश चमोली, मौजूद रहे।

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