देहरादून/नई दिल्ली। कांग्रेस पार्टी के नवनियुक्त प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव ने उत्तराखण्ड की भाजपा सरकार द्वारा केवल एक दिन के विधानसभा सत्र में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष एंव अन्य विधायकों द्वारा किसान विरोधी बिल का विरोध करने पर उन्हें विधानसभा में न जाने देने पर कड़ी निंदा जताई और कहा-’इस सत्र में प्रश्नकाल को दरकिनार किया गया है जिससे स्पष्ट होता है कि भाजपा सरकार लोकतंत्र में विश्वास नहीं रखती और अपनी नाकामियों को छुपा कर उत्तराखंड की जनता के साथ छल करना चाहती है। प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह, विधायक काजी निजामुद्दीन, आदेश चैहान एंव मनोज रावत को विधानसभा में किसान विरोधी बिल के खिलाफ ट्रैक्टर पर जाने से रोकना यह दर्शाता है कि भाजपा सरकार प्रदेश के मुद्दों एंव किसानों के हक की बात पर संवाद नहीं करना चाहती, बल्कि तानाशाही के माध्यम से हक की आवाज उठाने वालों को रोकना चाहती है। यह रवैया बेहद निंदाजनक और चिंताजनक है।
ृ जहां सरकार ही जनता विरोधी हो, वहां प्रदेश के लोगों का विकास कैसे संभव है। उत्तराखंड में आज लगभग 42 हजार कोरोना मरीजों की संख्या है, लगभग 500 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। रोजाना 2 हजार कोरोना के नए मामले प्रदेश में सामने आ रहे हैं। ऑक्सिजन सिलेंडर की किमतों में हर दिन इजाफा हो रहा है। स्वास्थ्य विभाग के पास आज ऐसे प्रबंध नहीं हैं कि वो रोजाना हजारों कोरोना के मरीजों की जांच एंव ईलाज कर सके। वहीं केंद्र की मोदी सरकार ने प्रदेश की मदद करने से साफ मना कर दिया है। आज प्रदेश में हर क्षेत्र में भाजपा सरकार की नाकामियों को देखा जा सकता है। चाहे बात सरकारी स्कूलों की हो या फिर रोजगार की या फिर प्रदेश के सबसे बड़े मुद्दे पलायन एंव पर्यटन की हो। भाजपा सरकार हर तरफ पिछड़ती दिखाई दे रही है। प्रदेश में लगभग 700 नहरें काम नहीं कर रही हैं, मेडिकल कॉलेज में फीस का इजाफा करना बेहद शर्मनाक बात है। लेकिन भाजपा सरकार इन मुद्दों पर न बात करना चाहती है, न ही इन समस्याओं का समाधान करना चाहती है। हम प्रदेश में बतौर मजबूत विपक्ष की भूमिका निभा रहे हैं और आने वाले समय में किसान, बेरोजगार युवा, महिलाएं एंव पूरा उत्तराखंड भाजपा को बदलाव की मजबूत ध्वनि के साथ जवाब देगा।