माया मोह छोड़कर संत बने हुए महात्माओ का भी राग द्वेष आम इंसानों से कम नहीं लग रहा है तभी तो कुंभ मेला हरिद्वार में फर्जी बाबाओ की लिस्ट समाचार में प्रकाशित होने से गुस्साई महिला संत ने 11 बड़े महातामो को मानहानि का दावा ठोक कर कोर्ट में घसीट लिया | जिसके बाद से दोनों पक्ष एक दुसरे पर कुछ न कुछ उबाल देते नजर आ ही जाते है |
हर की पौड़ी पर गंगा पूजन के दौरान नरेन्द्र गिरी महाराज द्वारा महन्त त्रिकाल महंता का विरोध किया गया| विवाद गहराता देख श्री गंगा सभा अधिकारियों ने किसी तरह उस वक्त महिला संत को समझा दिया गया था | वही प्रेसवार्ता के दौरान त्रिकाल महंता ने अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्य्क्ष पर जमकर निशाना साधा आपको बता दें कि फर्जी बाबाओं की लिस्ट में शामिल किए जाने के खिलाफ जगतगुरु त्रिकाल भवंता के परिवाद पर कोर्ट ने अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी सहित 11 संतों को तलब किया था। प्रकरण की सुनवाई 18 मार्च 2021 भी हुई थी | उस समय यह आदेश अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट मयंक त्रिपाठी ने दिया था । प्रथम महिला जगतगुरु शंकराचार्य तथा अखाड़ा परी की प्रमुख हैं त्रिकाल महंता और परिवादिनी की संस्था सर्वेश्वर महादेव वैकुंठ धाम मुक्ति द्वार अखाड़ा परी अरैल घाट रोड यमुना पुल के नजदीक नैनी में स्थित है और सोसायटी अधिनियम से पंजीकृत संस्था है। त्रिकाल महंता ने बताया कि जब उनके द्वारा स्वयं को शंकराचार्य घोषित किया गया उसके उपरांत धार्मिक क्षेत्र के कई पुरुष संत ईर्ष्या व जलन रखते हैं।
जिसके के कारण फर्जी बाबाओं की लिस्ट में शामिल कर उनको फर्जी घोषित किया गया तथा उसे समाचार पत्रों में प्रकाशित कराया गया जो कि परिवादिनी की मानहानि है। दाखिल परिवार पर परिवादिनी का बयान और साक्ष्य प्रस्तुत किया गया। न्यायालय ने प्रस्तुत किए गए साक्ष्य को पर्याप्त माना और सभी 11 संतों को भारतीय दंड संहिता की धारा 500 के तहत समन जारी कर 18 मार्च 2021 को सभी को तलब किया था उसी कारण नरेन्द्र गिरी उनसे ईर्ष्या रखते है