शहीद कोरोना वाॅरियर्स की आत्मा की शान्ति के लिए परमार्थ निकेतन में किया गया हवन

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ऋषिकेश। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि कोविड – 19 महामारी के इस दौर में हमने सेवा, सहयोग और सहायता के अनेक स्वरूपों को देखा और पाया कि सही समय पर सच्ची सेवा से अनेकों लोगों की जान को बचाया जा सकता है। हमारे देश के चिकित्सकों ने लोगों के दुखों को दूर करने और उनकी जान बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि अगर हमारे पास उच्च सुविधाओं से युक्त अस्पताल हों, वैंटिलेटर्स हों और दवाईयाँ हों परन्तु इन सुविधाओं के बावजूद भी हम मरीजों को तब तक सुरक्षित नहीं रख सकते जब तक कि हमारे पास चिकित्सक और स्वास्थ्य कर्मी न हों। इस महामारी के दौर में हमारे देश के चिकित्सक और फ्रंटलाइन वर्कर्स जिस निष्ठा और जज्बे के साथ सेवा कर रहे हैं वह वास्तव में सम्मान के हकदार हैं।
विगत दिनों कई अखबारों में यह सूचनायें छपी थीं कि कोविड -19 से संक्रमितों की मौत के पश्चात कुछ मामले ऐसे भी देखे गये कि मोर्चरी में रखे शवों को उनके अपनों ने ही लेने से मना कर दिया। शवों को ले जाने और अन्तिम संस्कार करने से मना कर दिया, वास्तव में इसे अमानवीयता की पराकाष्ठा कहा जा सकता है। वहीं दूसरी ओर हमारे चिकित्सक, स्वास्थ्य कार्यकर्ता, कोरोना वाॅरियर्स और सभी फ्रंटलाइन वर्कर्स  अपनी और अपनों की परवाह किये बिना वैंटिलेटर वार्ड, कोविड केयर सेंटर और कोविड मरिजों के साथ विगत 1 वर्ष से अधिक समय से सेवा में निरंतर लगे हुयेे हैं।
स्वामी जी ने कहा कि भारत सहित दुनिया के लगभग सभी देशों में कई सेक्टर्स वर्क फाॅम होम, आॅन लाइन क्लासेस और आॅनलाइन कार्यशालायें आयोजित कर रहे हैं क्योंकि सभी को अपनी जिन्दगी से प्रेेम है परन्तु डाक्टर्स और अन्य फ्रंटलाइन वर्कर्स अपने घरों से दूर रहकर कोविड -19 से जंग लड़ रहे हैं और अपनी जिन्दगी की परवाह न करते हुये कोविड संक्रमितों की सेवा कर रहे हैं। हमारे देश में 400 से अधिक होनहार डाक्टर्स कोविड -19 से जंग लड़ते हुये शहीद हुये हैं। माँ गंगा उनकी आत्मा को शान्ति प्रदान करें। इस समय भी कोविड-19 वार्ड में सेवा दे रहे डाक्टर्स, स्वास्थ्य कर्मी और अन्य कार्मियों के बीच संक्रमण और बीमारी के बढ़ने की रिपोर्ट प्राप्त हो रही है और यह उनके परिवारों को भी जोखिम में डाल सकती है। स्वामी जी ने कहा कि कोविड-19 वार्ड में सेवा कर रहे डाक्टर्स और अन्य कर्मियों को शारीरिक जोखिमों के अलावा तनाव, अवसाद और चिंताओं से भी गुजरना पड़ रहा है। उन्हें कई घन्टों तक पीपीई किट पहन कर रोगियों की देखभाल करना पड़ता है वहीं दूसरी ओर आज लोगों को मास्क पहनने में भी दिक्कत हो रही है इसलिये यह जरूरी है कि हम हमारे कोरोना वारियर्स का सम्मान करें, उनको सुरक्षा प्रदान करें तथा जितना हो सके उन्हें सहयोग करें।

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