मसूरी और नैनीताल पर्यटन पर, हाइ कोर्ट की टेढ़ी नजर – चारधाम यात्रा पर 28 जुलाई तक रोक

Share Now

 नैनीताल। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने पर्वतीय स्टेशनों में आने वाले पर्यटकों से कोविड 19 के नियमों का पालन नहीं कराने पाने पर सरकार से नाराजगी जताई है ।

उच्च न्यायालय ने आज चारधाम यात्रा पर 28 जुलाई तक रोक लगा दी है और पर्यटन पर सरकार से शनिवार और रविवार को कर्फ्यू हटाने के आदेश पर पुनःविचार करने को कहा है ।

 अनलॉक के पहाड़ों में उमड़ी सैलानियों की भारी भीड़ पर नैनीताल हाईकोर्ट ने गहरी चिंता व्यक्त करते हुवे राज्य सरकार को वीकेंड पर दी जा रही छूट को लेकर पुनर्विचार करने के आदेश जारी करते हुवे 28 जुलाई तक विस्तृत जवाब पेश करने को कहा है।

एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए  आज नैनीताल हाईकोर्ट ने कहा कि उत्तराखंड के नैनीताल व मंसूरी सहित अन्य पर्यटक स्थलों पर जिस तरह से सैलानियों की भारी भीड़ जमा हो रही है वह  आने वाले समय के लिये बेहद खतरनाक है और सभी पर्यटक स्थलों पर कोविड़ गाइड लाइन का कोई भी पालन नही कर रहा है, लिहाजा राज्य सरकार वीकेंड पर दी जा रही छूट पर पुनर्विचार करे और कोरोना गाइड लाइन का सख्ती से पालन करें।

कोर्ट ने स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर भी राज्य सरकार से विस्तृत जवाब तलब किया है, और पूरे मामले की सुनवाई के लिये आगामी 28 जुलाई की तिथि नियत की है।

राज्य सरकार हाईकोर्ट के उक्त निर्देश:-

1. सप्ताहांत में पर्यटकों के लिए दी गयी छूट पर पुनर्विचार करें और कोर्ट को बताएं।

2. डेल्टा प्लस वैरिएंट की जांच के लिए जो सैम्पल भेजे गए हैं उनकी रिपोर्ट का विवरण।

3. जहाँ सैम्पल लिए गए हैं उन जिलों के अधिकारियों ने सावधानी के लिए क्या निर्णय लिए हैं।

4. राज्य के कितने सरकारी- कितने निजी अस्पतालों में एमआरआई है, कितनों में नहीं है इसकी रिपोर्ट दें।

5. कितने पीडियाट्रिक (बाल रोग) वार्ड हैं, बेड हैं

6. कितनी सीएचसी में डॉक्टर उपलब्ध हैं कहाँ नहीं हैं इसकी लिस्ट दें।

7.प्रतिदिन कितना वैक्सिनेशन प्रदेश में हो रहा है, कितनों को फर्स्ट डोज लग गयी है। प्रतिदिन का रेट।

8. कितनी बुजुर्ग व्यक्तियों और विकलांगों को अब तक वैक्सीन लग चुकी है और उसके लिए राज्य सरकार ने क्या कदम उठाए।

9. क्या नियर टू होम वैक्सीनेशन क्लिनिक के बारे में सरकार ने कोई विचार किया है।

10. उत्तराखंड में इंटर्न चिकित्सकों को 7500 मानदेय दिया जा रहा है जबकि हिमाचल में जा रहे हैं राज्य सरकार इसको बढ़ाने के बारे में विचार करें। एक और सरकार कहती है कि हमारे पास चिकित्सक नहीं है और दूसरी और इंटर चिकित्सकों का मानदेय इतना कम होना चिंताजनक है।

आपको बता दें कि अधिवक्ता दुष्यंत मनाली,सच्चिदानंद डबराल, सहित कई लोगो ने राज्य की बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्थाओं, कोविड से लड़ने के लिए वैक्सिनेशन हेतु विभिन्न जनहित याचिका दायर की है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!