आईआईटी रुड़की, एग्रोब और गरुड़ एयरोस्पेस पार्टनर भारत में ड्रोन प्रशिक्षण उपलब्ध करेंगे

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रुड़की। आईआईटी, रुड़की  एक राष्ट्रीय महत्व का संस्थान; गरुड़ एयरोस्पेस, चेन्नई के साथ पंजीकृत एक प्रमुख ड्रोन स्टार्ट-अप; और एग्रोब, इंडिया और  एमएसएमई , स्टार्ट-अप, गुड़गांव के तहत पंजीकृत एक कृषि-पारिस्थितिकी तंत्र, जिसने तीव्रता से विकसित हो रहे भारतीय ड्रोन पारिस्थितिकी तंत्र में स्वदेशी ड्रोन पायलटों की बढ़ती मांग को संयुक्त रूप से संबोधित करने के लिए एक दीर्घकालिक साझेदारी समझौते पर हस्ताक्षर किए।
तीनों पक्षों के पारस्परिक लाभ, प्रयासों में ताल-मेल बिठाने और विशेषज्ञ सेवाओं की तलाश करने के लिए, संगठनों ने एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) के तहत काम-काज को औपचारिक रूप देने के लिए एक त्रिपक्षीय का गठन किया। यह सॉफ्टवेयर, रोबोटिक्स, डिजिटल समाधान, ड्रोन पायलट प्रशिक्षण, डेमो, एआई आधारित समाधानों में तथा अन्य संबंधित क्षेत्रों के प्रमुख तकनीकी और अनुसंधान क्षेत्रों में आगामी ड्रोन प्रौद्योगिकियों के पारस्परिक रूप से लाभकारी एरिया में पार्टियों के बीच बातचीत को बढ़ावा देगा और संयुक्त (पायलट) परियोजनाओं को शुरू करेगा, साथ ही आईआईटी रुड़की एप्लिकेशन-आधारित समाधान यानी एआई आधारित निगरानी, दूसरों के बीच प्रदान करेगा। ।ळत्व्ठ और गरुड़ वास्तविक समय कार्यान्वयन प्रदान करेंगे। एग्रोब इंडिया प्राइवेट लिमिटेड कृषि और तकनीकी उत्पादों और सेवाओं के निर्माण पर केंद्रित है।
प्रोफेसर अजीत के चतुर्वेदी, निदेशक, आईआईटी रुड़की ने कहा,  यह साझेदारी अभिनव समाधान प्रदान करके मेक इन इंडिया ड्रोन के सहयोगी विकास की सुविधा प्रदान करेगी। आईआईटी रुड़की एआई आधारित निगरानी जैसे एप्लिकेशन-आधारित समाधानों पर ध्यान केंद्रित करेगा, और ड्रोन के लिए अनुकूलित समाधान प्रदान करने में शामिल होगा। छात्र हार्डवेयर और ड्रोन उड़ान रणनीतियों के विकास में शामिल होंगे।
त्रिपक्षीय  समझौते के बारे में बोलते हुए, प्रो धर्मेंद्र सिंह, समन्वयक, ड्रोन रिसर्च सेंटर, आईआईटी रुड़की ने कहा, हमारा लक्ष्य उद्योग साझेदारी के माध्यम से एक ड्रोन पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करना और मूल्य वर्धित अनुसंधान इनपुट प्रदान करना है। इस सहयोग में, हम भविष्य के एआई ड्रोन विकसित करेंगे, किसानों और एग्रीटेक सेवा प्रदाताओं को शिक्षित करके उन्हें भविष्य के लिए तैयार करेंगे। इएग्रोब के संस्थापक और सीईओ हर्ष उपाध्याय ने कहा,  यह त्रिपक्षीय सहयोग आने वाली पीढ़ी के लिए ड्रोन युग क्रांति लाने वाले मेक इन इंडिया ड्रोन के लिए एग्रीटेक एग्रीगेटर के रूप में आईआईटी रुड़की के अनुसंधान और एआई प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने के लिए है। यह रणनीतिक साझेदारी किसानों के बीच जागरूकता पैदा करेगी।

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