रुड़की। आईआईटी रुड़की के इलेक्ट्रॉनिक्स और कम्यूनिकेशन इंजीनियरिंग विभाग के पूर्व छात्र डॉ. सुनील कुमार वुप्पला ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस-एआई और डेटा एनालिटिक्स के क्षेत्र में अपने योगदान के लिए प्रतिष्ठित जिनोव अवार्ड 2020 प्राप्त किया है। इस पुरस्कार का उद्देश्य व्यक्तियों के साथ ही उन संगठनों के योगदान को पहचानना है जिन्होंने नवाचार और विविधता के साथ व्यापार निरंतरता को सुनिश्चित किया है। वर्तमान में डॉ. सुनील कुमार वुप्पला एरिक्सन के डेटा साइंस विभाग में निदेशक के रूप में तथा इंडस्ट्री इंगेजमेंट, आईईईई बैंगलोर सेक्शन में को-चेयर के रूप में सेवारत हैं। उन्हें 31 जुलाई 2020 को एक वर्चुअल समारोह में टेक्निकल रोल मॉडल- इमर्जिंग टेक्नोलॉजी- एआई और बिग डेटा एनालिटिक्स श्रेणी में पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
“हम इस प्रतिष्ठित पुरस्कार को जीतने पर डॉ. वुप्पला को हार्दिक बधाई देते हैं। आईआईटी रुड़की के लिए यह गर्व का क्षण है। उनकी उपलब्धि अन्य पूर्व छात्रों के साथ-साथ वर्तमान छात्रों को भी प्रेरित करेगी,” प्रो. अजीत के चतुर्वेदी, निदेशक, आईआईटी रुड़की, ने बधाई संदेश प्रेषित करते हुए कहा “मैं इस प्रतिष्ठित पुरस्कार को प्राप्त कर काफी प्रसन्न हूं। मैं अपने परिवार, अपने शिक्षण संस्थान- आईआईटी रुड़की और अपने शुभचिंतकों को उनके समर्थन और मार्गदर्शन के लिए धन्यवाद देना चाहूंगा। तकनीक पर आधारित आईआईटी रुड़की की शिक्षा ने मेरे अंदर उभरती प्रौद्योगिकी को लेकर मजबूत सिद्धांतों की नींव रखी। आईआईटी रुड़की के संकाय सदस्यों की भूमिका भी समान रूप से ही महत्वपूर्ण रही है, जिनके लगातार समर्थन ने मेरे लिए एक मजबूत स्तंभ का काम किया है,” डॉ. सुनील कुमार वुप्पला, डायरेक्टर -डेटा साइंस, एरिक्सन आरएंडडी, ने कहा।
2020 पुरस्कारों के अन्य उल्लेखनीय प्राप्तकर्ताओं में मनीष भिड़े-चीफ आर्किटेक्ट, आईबीएम वॉटसन ओपनस्केल और डेल टेक्नोलॉजीज के प्रतिष्ठित इंजीनियर शिबी पणिक्कर शामिल हैं। यह इस वार्षिक पुरस्कार का 11 वां संस्करण था, जिसमें 10 से अधिक देशों के 600 से अधिक कंपनियों ने भाग लिया। पिछले 11 वर्षों में, जिनोव कॉनफ्लुएंस सीरीज ने वैश्विक प्रौद्योगिकी में खास योगदान और वैश्विक पारिस्थितिकी तंत्र में बदलाव लाने के लिए कई व्यक्तियों के साथ ही कई संस्थाओं को भी सम्मानित किया है। टेक्नोलॉजी थाउट लीडरशिप समिट के रूप में प्रतिष्ठित जिनोव अवार्ड्स वैश्विक अनुसंधान और उत्पाद विकास के क्षेत्र में परिवर्तन का पर्याय बन गया है।