कोविड-19 संकट के बीच आईआईटी रुड़की ने आयोजित किया रक्तदान शिविर

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रुड़की। कोविड-19 संकट ने देश भर के अस्पतालों और ब्लड बैंकों में रक्त की नियमित आपूर्ति को प्रभावित किया है। कोविड-19 संकट के बीच सरकारी अस्पताल में रक्त की आपूर्ति को बनाए रखने के प्रयास में राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस)-आईआईटी रुड़की ने सिविल अस्पताल-ब्लड बैंक के सहयोग से आईआईटी रुड़की के इंस्टीट्यूट हॉस्पिटल में रक्तदान शिविर लगाया। इस शिविर में स्थानीय निवासियों, शिक्षकों और आईआईटी रुड़की के विद्यार्थियों की सक्रिय भागीदारी रही। शिविर में सुरक्षा और स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए डॉक्टरों, पैरामेडिकल कर्मियों और वालंटियर की एक टीम को कार्यक्रम स्थल पर तैनात किया गया था। सभी मेडिकल प्रोफेशनलों ने परीक्षण, प्रक्रिया और रक्तदाताओं से रक्त एकत्र करने के लिए कड़े स्क्रीनिंग प्रक्रियाओं और स्टैंडर्ड लेबोरेट्री प्रैक्टिस का पालन किया। कोविड-19 महामारी को देखते हुए, कोरोना नेगेटिव सर्टिफिकेट वाले ब्लड बैंक स्टाफ ने उपयुक्त पीपीई (पर्सनल प्रोटेक्शन इक्यूपमेंट) किट पहनकर रक्त दाताओं का मेडिकल चेक-अप किया।  एनएसएस वालंटियर्स ने आईआईटी रुड़की के अस्पताल के कर्मचारियों की मदद से सोशल डिस्टेन्सिंग मानदंडों को बनाए रखा, जबकि सभी प्रतिभागियों ने मास्क और दस्ताने का इस्तेमाल किया। रजिस्ट्रेशन से पहले, रुड़की सिविल अस्पताल की पैथोलॉजिस्ट डॉ. मधुलिका ने रक्त दाता होने के फायदों के बारे में बताया और उन सभी प्रतिभागियों की सराहना की जो कोविड-19 के समय में भी रक्तदान करने के लिए आगे आए। आईआईटी रुड़की स्टूडेंट वेलफेयर के एसोसिएट डीन प्रोफेसर मुकेश कुमार बरुआ समेत कई विद्यार्थियों ने शिविर में रक्तदान किया। इस पहल को लेकर आईआईटी रुड़की में एनएसएस और एनसीसी के फैकल्टी एडवाइजर प्रो. प्रणिता पी. सारंगी ने कहा कि, “कोविड-19 के कारण हम सभी एक कठिन समय का सामना कर रहे हैं। इसने स्वास्थ्य सेवा प्रणाली पर दबाव डाला है, विशेष रूप से जो पहले से मौजूद बीमारियों से पीड़ित हैं। अस्पतालों में थैलेसीमिया जैसी बीमारियों से पीड़ित ऐसे रोगी भी हैं जिन्हें रेगुलर ब्लड ट्रांस्फ्यूसन की आवश्यकता होती है। एक समर्पित समूह के रूप में, एनएसएस आईआईटी रुड़की के वालंटियर सरकारी प्रयासों को समर्थन देने और जरूरतमंद लोगों की मदद करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम आईआईटी रुड़की के छात्रों का धन्यवाद देते हैं कि उन्होंने लोगों की जान बचाने के उद्देश से आयोजित इस मिशन में हमें समर्थन दिया।“ रक्तदान से पहले प्रतिभागियों को रक्त दाताओं की संख्या का अनुमान लगाने और पूरे आयोजन की योजना के लिए ऑनलाइन पंजीकरण करने के लिए कहा गया था। यही नहीं, इससे रक्त दाताओं को अलग-अलग समय देने में भी सहूलियत हुई और कोविड-19 के बीच आसानी से सोशल डिस्टेन्सिंग का पालन संभव हुआ। रक्त दान के बाद, रक्तदाताओं को ब्लड बैंक द्वारा रिफ्रेश्मेंट और सर्टिफिकेट प्रदान किए गए।

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