उत्तराखंड सरकार भृस्ट अधिकारियों पर किस तरह मेहरबान है इसकी बानगी उस वक्त देखने को मिली जब एन एच एम में तैनात एक अधिकारी जेसी पांडे को सेवा निवृत्ति के बाद पुनः नियुक्ति देने के शासन स्तर से सिफारिश मिलने के बाद स्वास्थ्य महानिदेशक डॉक्टर शैलजा भट्ट ने एनएचएम के एमडी को इस अधिकारी को पुनः नियुक्ति देने की सिफारिश की है जिसके खिलाफ जांच के लिए वह खुद ही पूर्व मे लिख चुकी है ।
अपने पिछले पत्र दिनांक 23- 7 2022 में स्वास्थ्य निदेशक डॉक्टर शैलजा भट्ट ने एनएचएम ने एमडी को शासन के पत्र का हवाला देते हुए इस अधिकारी को फिर से 11 महीने के लिए सूचना शिक्षा एवं प्रचार अधिकारी के रूप मे नियुक्ति देने की बात कही है , वही कोटद्वार निवासी जगमोहन गुसाई के द्वारा प्रधानमंत्री कार्यालय नई दिल्ली को भजे गए अपने शिकायती पत्र जिसकी प्रतलिपि केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय और सचिव चिकित्सा स्वाथ्य को भी की गई है , का सज्ञान लेते हुए इसी अधिकारी के खिलाफ मुद्रण स्टेशनरी एवं आईईसी सामाग्री मे गड़बड़ी की जांच 15 दिनो के भीतर करने के निर्देश दिये है ।
गौरतलब है कि एक ही अधिकारी के दो विवादास्पद पत्र इस वक्त उत्तराखंड की राजनीति में चर्चा का विषय बने हुए हैं । कांग्रेस के पीसीसी चीफ करण माहरा ने भी इस मामले को उठाते हुए सरकार और सचिवालय पर प्रश्नचिन्ह खड़ा किया है।