पशुलोक में कृत्रिम गर्भाधान प्रयोगशाला का किया उद्घाटन

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देहरादून। केंद्रीय राज्य मंत्री डा. संजीव कुमार बालियान द्वारा राष्ट्रीय पशुधन मिशन, भारत सरकार के सहयोग से उत्तराखण्ड भेड़ एवं ऊन विकास बोर्ड विकास बोर्ड (यू0एस0डब्ल्यू0डी0बी0) के तत्वाधान में उत्तराखण्ड राज्य के भेड़ बकरी पालकों हितार्थ संचालित राज्य भेड़ बकरी अतिहिमीकृत वीर्य उत्पादन व कृत्रिम गर्भाधान प्रयोगशाला, पशुलोक, ऋषिकेश का लोकापर्ण व उद्घाटन किया। केन्द्रीय राज्य मंत्री के साथ-साथ अति विशिष्ट अतिथि सुबोध उनियाल वन मंत्री उत्तराखण्ड सरकार, सौरभ बहुगुणा पशुपालन मंत्री, उत्तराखण्ड सरकार, डा0 आर0 मीनाक्षी सुन्दरम, सचिव मुख्यमंत्री तथा डा0 बी0वी0आर0सी0 पुरूषोतम् सचिव, पशुपालन, उत्तराखण्ड शासन तथा जिलाधिकारी पौड़ी गढ़वाल डॉ विजय कुमार जोगदंडे द्वारा कृत्रिम गर्भाधान प्रयोगशाला का उद्घाटन व भ्रमण किया गया। कार्यक्रम में आये राज्य के भेड़ बकरी पालको से वार्ता कर प्रोत्साहन सामग्री वितरित की गयी।
प्रयोगशाला में माह दिसम्बर 2019 में आस्ट्रेलिया से आयातित उच्च गुणवत्ता के मैरीनो मेढ़ो के ळमतउ च्संेउ तथा सिरोही, बरबरी, जमुनापारी, बीटल, जाखराना प्रजाति के बकरों के वीर्य का उत्पादन करते हुये राज्य में व्यापक स्तर पर संचारित किया जाएगा तथा राज्य के भेड़ व बकरी पालकों के द्वारा पर वीर्य की उपलब्धता कराते हुये पूरे राज्य में भेड़ बकरियों में नस्ल सुधार का कार्य किया जाएगा। जिससे भेड़ के ऊन गुणवत्ता में वृद्वि के साथ-साथ भेड़ व बकरियों के वजन में वृद्वि होगी तथा भेड़ बकरी पालको की आजीविका व जीवन स्तर पर सुधार होगा। उत्तराखण्ड भेड़ एवं ऊन विकास बोर्ड के माध्यम से संचालित योजनान्तर्गत वर्तमान तक लगभग 3000 भेड़ व बकरियों में कृत्रिम गर्भाधान किया गया है। साथ ही उच्च गुणवत्ता के नर ळमतउ च्संेउ को स्थानीय भेड़ों में संचारित करने व नस्ल सुधार हेतु स्ंचंतवेबवचपब ।तजपपिबपंस प्देमउपदंजपवद (दूरबीन से कृत्रिम गर्भाधान) तकनीकी का उपयोग भी किया जाएगा। योजनान्तर्गत उत्तराखण्ड राज्य के भेड़ बकरी कृत्रिम गर्भाधान तकनीकी को प्रोत्साहित व लोकप्रिय करने के उद्देश्य से राज्य के बेरोजगार नवयुवक व नवयुवतियों को भेड़ बकरी कृत्रिम गर्भाधान कार्यकताओं का प्रशिक्षण व कौशल विकास किया जा रहा है जिससे उन्हे आय के अतिरिक्त साधन उपलब्ध होगें।
केन्द्रीय मंत्री द्वारा कृत्रिम गर्भाधान कार्यकताओं को अपने-अपने क्षेत्रों में नस्ल सुधार हेतु कृत्रिम गर्भाधान करने हेतु प्रयोगशाला में निर्मित अतिहिमीकृत वीर्य के 50 डोज उपलब्ध कराये गये। कृत्रिम गर्भाधान के साथ-साथ नैसर्गिक प्रजनन के माध्यम से भेड़ों में नस्ल सुधार हेतु जनपद उत्तरकाशी व चमोली के भेड़ पालकों के स्थानीय व नर मेढ़ो को आयातित मैरीनों भेड़ों से उत्पन्न थ्1 ळमदमतंजपवद के न्चहतंकमक ब्तवेे ठतमक से परिवर्तित (त्मचसंबम) किया जा रहा है। 30 भेड़ों हेतु 01 क्रॉसब्रेड ऑस्ट्रेलियन मेरिनो प्रदान किया जाएगा। जिससे राज्य में ऊन उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा और साथ ही भेड़ों के औसत वजन में भी वृद्धि होगी। कार्यक्रम में डा0 प्रेम कुमार, पशुपालन निदेशक, डा0 अशोक कुमार, अपर निदेशक, गढ़वाल मंडल, डा0 बी0सी0कर्नाटक, अपर निदेशकध्मुख्य अधिशासी अधिकारी, यू0एल0डी0बी0, डा0 अविनाश आनन्द, अपर निदेशकध्मुख्य अधिशासी अधिकारी, यू0एस0डब्ल्यू0डी0बी0, काजी मौनिस, अध्यक्ष, यू0एस0जी0सी0एफ0 तथा अन्य अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहें।

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