भारत ऐसा पावन मुल्क जहां कभी किसी ने दीवारें खड़ी नहीं की, यहां सब द्वार ही द्वारः मोरारी बापू

Share Now

हरिद्वार। इस साल के महाकुंभ पर्व में श्रीक्षेत्र कनखल-हरिद्वार के श्हरिहर आश्रम के पंच दशानन जूना अखाड़ा पीठाधीश आचार्य महामंडलेश्वर अवधेशानन्द गिरि जी महाराज द्वारा मोरारीबापू के व्यासासन में गंगा के तट पर रामकथा का आयोजन किया गया है। इस कथा के निमित्त मात्र यजमान, नैरोबी केन्या स्थित निलेशभाई जसाणी परिवार है। कथा में उपस्थित महामंडलेश्वर पूज्य अवधेशानंद जी, पूज्य पाद कार्षि्ण गुरु शरणानंद जी महाराज, योग ऋषि रामदेवजी महाराज, गीता मनीषी ज्ञानानंदजी, पू. चिदानंद सरस्वती महाराज, इस क्षेत्र के प्रांतीय अध्यक्ष मदन कौशिक जी, किन्नर समाज के अध्यक्षा लक्ष्मी नारायण त्रिपाठीजी, अखिलेश्वरानंद , नैसर्गिका गिरीजी, प्रदीप बत्राजी और अनेक साधु-संतों के बीच रामकथा का आज से प्रारंभ हुआ।
कथा के प्रारंभ में गीता मनीषी महामंडलेश्वर पू. ज्ञानानंदजी महाराज ने भावपूर्ण उद्बोधन किया। पू. स्वामी कार्षि्ण गुरु श्री शरणानंदजी ने भी अपना स्नेह और वात्सल्य पूरित आशीर्वाद प्रदान किए। सर्वप्रथम बापू ने उपस्थित सभी साधु संतों को विनम्रता से प्रणाम किया और यहां कथा गाने का अवसर मिला उसकी बड़ी प्रसन्नता व्यक्त की। कथा के प्रारंभ में श्री कार्षि्ण गुरु को वंदन करते हुए बापू ने कहा कि पूरा ब्रजमंडल आपको नंदबाबा के रूप में देखता है। आपका अप्रतिम वात्सल्य और आशीर्वाद बहुत मिलते रहे हैं। मानस हरिद्वार विषय को लेकर बापू ने आज रामचरितमानस से हरि और द्वार शब्द वाली चैपाइयों को केंद्र में रखते हुए कथा का शुभारंभ किया। बापू ने कहा, हरिद्वार नाम कितना पवित्र है! भागीरथी गंगा को यहां पृथ्वी को स्पर्श करने कि इच्छा हुई है। यह भारत ऐसा पावन मुल्क है यहां कभी किसी ने दीवारें खड़ी नहीं की, यहां सब द्वार ही द्वार हैं। रामचरितमानस से अनेक प्रकार के द्वारों का दर्शन कराते हुए, कथा के मंगलाचरण और ग्रंथ का परिचय और महिमा गाते हुए आज की कथा को विराम दिया। कोरोना वायरस की दूसरी लहर के प्रसार को रोकने और लोगों की सुरक्षा को लेकर आधिकारिक कई अहम निर्देश जारी किए गए हैं। इसके चलते कथा पंडाल में न्यूनतम संख्या में लोग एकत्र हों ऐसा निश्चित किया गया है।आयोजकों द्वारा आमंत्रित सदस्यों के अलावा किसी और के लिए यहां निवास व्यवस्था नहीं की गई। कथा श्रवण के लिए पंडाल में आने वाले सभी श्रोताओं के पास कोरोना नेगेटिव का रिपोर्ट होना आवश्यक है। इसके अलावा मास्क, सामाजिक दूरी और सैनिटाइजेशन पर भी जोर दिया गया है। इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए वृंदावन में गत सप्ताह पूर्णाहुत हुई श्मानस वृंदावनश् कथा के आखरी दिन, बापू ने अपनी वैश्विक व्यास-वाटिका के श्रोताओं को अपने घर पर टीवी के माध्यम से कथा सुनने का अनुरोध किया था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!