भारतीय गौक्रान्ति मंच असहाय व बेसाहरा गायों की ले रहा सुध, दे रहा चारा

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देहरादून। आज पूरी दुनियाँ  कोरोना महामारी से त्रस्त है घरों में कैद है। भारत में भी पिछले एक महीने से लॉकडॉन चल रहा है सभी लोग अपने घरों में बैठे हैं। इस महामारी से बचने का घर में बैठने के अलावा कोई दूसरा रास्ता भी नही है ऐसे में जिस प्रकार सामान्य तबके से नीचे जीवन यापन करने वाले लोगों के जीवन में हर प्रकार का संकट आग या है। ठीक उसी प्रकार अन्य अबोल प्राणियों के विशेष करके शहरी आवादी में घूमने वाले जीवों के जीवन पर भी बड़ा संकट दिख रहा है इसमें सबसे प्रमुख है शहर की गलियों में घूम रही असहाय गौमाताएँ।  इनकी तरफ किसी का भी ध्यान नहीं जा रहा था। इसी बीच सुप्रसिद्ध गौकथा वाचक संत गोपाल मणि महाराज जी जो पिछले एक दशक से गौकथा एवं विभिन्न जन आंदोलनों के माध्यम से गौवंश के संवर्द्धन प्रतिष्ठा एवं सेवा के लिए लोगों को जनजागरण कर रहे हैं। आपसे प्रेरित होकर लाखों लोग अपने घरों में गौपालन कर रहे हैं। श्री गोपाल मणि जी महाराज की प्रेरणा से भारतीय गौक्रान्ति मंच के पदाधिकारी व कुछ सदस्य यशवंत सिंह रावत, विनोद कपरूवान, बलवीर सिंह पंवार, सुमन सेमवाल एवं आशीष जी विगत एक सप्ताह से प्रतिदिन सुबह देहरादून शहर की गलियों में जाकर गलियों में घूम रही असहाय गायों को हरा चारा डाल रहे हैं। भारतीय गौक्रान्ति मंच के राष्ट्रीय प्रवक्ता व मीडिया प्रभारी डॉ राम भूषण बिजल्वाण ने बताया कि संकट की इस घड़ी में जहाँ जनसामान्य के सहयोग के लिए लाखों लोग आगे रहे हैं  जो अच्छी बात है आना भी चाहिए लेकिन इस समय गौवंश का ध्यान रखना भी अत्यंत आवश्यक है। भारतीय संस्कृति में गाय को माता कहा जाता है भारतीय परंपरा में गौग्रास निकालने की व्यवस्था दी गयी है डॉ बिजल्वाण सभी से अपील की है कि ये बहुत ही पुनीत कार्य है सभी लोग गौशालाओं में सड़कों में घूम रही  असहाय गौवंश की सहायता के लिए आगे आएं।

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