टिहरी। जिलाधिकारी इवा श्रीवास्तव ने शुक्रवार को तिवाड़ गांव के कोटिगाड़ में उत्तरायणी भागीरथी विकास समिति के कायक बोट, पैडल बोट व चपु बोट का स्थलीय निरीक्षण कर पायलट प्रोजेक्ट के रूप में बोट संचालन की अनुमति प्रदान करने की सभी औपचारिकताएं पूर्ण करते हुये विधिवत यहां पर पूजा-अर्चना की।
तिवाड़ गांव की उत्तरायणी भागीरथी विकास समिति ग्राम मरोड़ा टिहरी गढ़वाल एवं विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण (टाडा) के बीच हुए अनुबंध के तहत सभी कार्य पूर्ण होने के पश्चात डीएम ने सभी कार्यों का निरीक्षण कर पायलट प्रोजेक्ट के रूप में बोट का संचालन करने की अनुमति प्रदान करने के निर्देश दिये। इस दौरान जिलाधिकारी ने सभी जरूरी बोट्स संचालन संबंधी सभी दस्तावेज चेक किये।
जिलाधिकारी ने पुनर्वास की बोट्स को एक सप्ताह के भीतर समिति को हैंडओवर करने का आश्वासन देते हुए समिति के अध्यक्ष कुलदीप सिंह पंवार को इन बोट्स को एक माह के अन्दर सुसज्जित कर पर्यटकों के लिए तैयार करने को कहा, ताकि पर्यटन को बढ़ावा दिया जा सके। साथ ही झील में पर्यटकों को कोटि के साथ-साथ नए स्थान पर नई बोट का आनंद लेने का लाभ भी मिलेगा और आने वाले भविष्य में स्थानीय स्तर पर लोगो को रोजगार के अवसर भी प्राप्त होंगे। जिलाधिकारी ने कहा कि कोटीगाड़ में बोटिंग प्वाइंट पर स्वयं सहायता समूहों के द्वारा स्थानीय उत्पादों की दुकानें लगाकर स्वरोजगार के साथ ही आर्थिकी मजबूत की जा सकती है। कार्यक्रम में अध्यक्ष कुलदीप सिंह पंवार की आस-पास के 27 गांवों के लिए यह प्रयास मिल का पत्थर साबित होगा। कुलदीप सिंह पंवार ने बताया कि समिति ने कायक बोट, पैडल बोट, चपु बोट सहित 14 प्रकार की गतिविधियां संचालित की जाएंगी। कहा कि जल्द ही बोटों को पर्यटकों के लिए शुरू कर दिया जायेगा। इस मौके पर एसडीएम अपूर्वा सिंह, जिला पर्यटन विकास अधिकारी अतुल भण्डारी, ग्राम प्रधान तिवाड़ गांव संगीता रावत, समिति सचिव दिनेश चन्द्र पंवार, टाडा के नवीन नेगी, नरेन्द्र रावत, विजय पाल नेगी, दिलबर पंवार, विनोद रावत आदि मौजूद रहे।