उत्तरकाशी में पत्रकारिता से पंचायत तक पहुंची आवाज
उत्तरकाशी के पहाड़ों में आज हर जुबां पर एक ही नाम है — शंकर सिंह गोसाई।
लंबे वक्त से पत्रकारिता की मशाल थामे शंकर सिंह अब लोकतंत्र की चौखट पर कदम रख चुके हैं।
भटवाड़ी ब्लॉक के ग्राम सभा साडग, मस्ताड़ी, बोंगाड़ी क्षेत्र से वो निर्विरोध बीडीसी सदस्य चुने गए हैं।

“पहाड़ों का राजा” अब जनता का सिपाही!
उत्तरकाशी में लोग उन्हें जानते हैं —
“पहाड़ों का राजा हिमालय” साप्ताहिक के संपादक के तौर पर,
जो बेखौफ कलम चलाते रहे,
अब वही शख्स जनता की आवाज बनने पंचायत में पहुंच गए हैं।
प्रेस क्लब उत्तरकाशी के सदस्यों ने उन्हें गले लगाकर बधाइयां दीं।
राजेश रतूड़ी, अध्यक्ष प्रेस क्लब कहते हैं:
“शंकर सिंह गोसाई की ईमानदारी और मेहनत, गांव की तस्वीर बदल देगी।”

जिलाधिकारी से खास मुलाकात
बीच बाजार एक तस्वीर चर्चा में है—
शंकर सिंह गोसाई, डीएम प्रशांत आर्य से हाथ मिलाते हुए।
डीएम ने भी मुस्कराते हुए कहा:
“शंकर जी जैसे लोग पंचायत में आएं, तो बदलाव ज़रूर होगा।”
गांव की उम्मीदें – बड़े सपने
लोगों की नजरों में उम्मीद की चमक है।
गांव वालों को भरोसा है कि
शंकर सिंह गोसाई अब
पानी, सड़क, बिजली, शिक्षा जैसे मुद्दों पर
दमदार आवाज़ उठाएंगे।
सचिव बलवीर परमार ने कहा:
“अब हमारी समस्याओं को अखबार ही नहीं, पंचायत में भी आवाज़ मिलेगी।”

एक नई शुरुआत का ऐलान
कभी कलम के सिपाही,
अब पंचायत के विकास योद्धा।
शंकर सिंह गोसाई की यह जीत
सिर्फ एक चुनाव नहीं,
बल्कि सिस्टम में भरोसे की जीत है।
“पत्रकारिता और पंचायत का संगम —
शायद यही रास्ता है पहाड़ों की असली तरक्की का!”
– इसी उम्मीद के साथ, उत्तरकाशी देख रहा है अपने नए जनसेवक की ओर।
क्या वाकई पत्रकारिता का अनुभव पंचायत में बदलाव ला पाएगा?
या फिर ये भी राजनीति की गलियों में खो जाएगी एक और आवाज़?
फैसला वक्त करेगा।
