सोनप्रयाग में सौरभ बहुगुणा का दौरा: पशुपालन व्यवस्थाओं का गहराई से निरीक्षण, वायरस नियंत्रण को लेकर सख्त निर्देश
‘सरकार की पहली प्राथमिकता – पशुधन की सुरक्षा और यात्रियों की सुविधा’
चारधाम यात्रा मार्ग पर इक्वाइन इंफ्लुएंजा वायरस के फैलते असर को देखते हुए उत्तराखंड सरकार के पशुपालन एवं दुग्ध विकास मंत्री सौरभ बहुगुणा ने आज सोनप्रयाग पहुंचकर यात्रियों और घोड़ा-खच्चर संचालकों से संवाद किया और वायरस की रोकथाम के लिए की जा रही व्यवस्थाओं का धरातलीय निरीक्षण किया।
16,000 से अधिक घोड़े-खच्चरों की हो चुकी स्क्रीनिंग
मंत्री बहुगुणा ने रामपुर स्थित जीएमवीएन अतिथि गृह में आयोजित समीक्षा बैठक में अधिकारियों से पशुओं की स्क्रीनिंग, उपचार, और क्वारंटीन व्यवस्था की विस्तृत जानकारी ली। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि बीमार पशुओं की जांच और इलाज में कोई कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
वायरस नियंत्रण के लिए बनाई गई 15 सदस्यीय टीमें
मंत्री ने बताया कि गौरीकुंड से केदारनाथ तक चार पशु चिकित्सा केंद्र स्थापित किए जाएंगे, जिनमें एक-एक एमआरपी के अंतर्गत 15 सदस्यीय टीमें तैनात रहेंगी। इन टीमों में डॉक्टर, पुलिसकर्मी और सपोर्ट स्टाफ शामिल होंगे, जो लगातार यात्रा मार्ग पर घोड़ों-खच्चरों की निगरानी करेंगे।
32 हजार रुपये मुआवजा और 50% सब्सिडी में चारा
सरकार ने घोषणा की है कि यदि यात्रा के दौरान किसी घोड़े या खच्चर की मृत्यु होती है तो उसके स्वामी को ₹32,000 का मुआवजा दिया जाएगा। इसके साथ ही, बीमार पशुओं के इलाज के लिए नि:शुल्क चिकित्सा और चारे के लिए 50 प्रतिशत की सब्सिडी भी दी जाएगी।
सख्त चेतावनी—झोलाछाप डॉक्टरों से रहें सावधान
मंत्री बहुगुणा ने सभी पशुपालकों से आग्रह किया कि वे इलाज के लिए सिर्फ विभागीय डॉक्टरों से ही संपर्क करें और झोलाछाप या नीम-हकीम से बचें। साथ ही, पंतनगर व हिसार से आई विशेषज्ञ टीमों द्वारा इलाज कार्य भी तेज़ी से चल रहा है।
बीमा और SOP की तैयारी भी पूरी
मंत्री ने बताया कि सभी घोड़े-खच्चरों का बीमा भी सरकार द्वारा किया जा रहा है और सचिव पशुपालन डॉ. बीवीआरसी पुरुषोत्तम को एसओपी (Standard Operating Procedure) तत्काल जारी करने के निर्देश दिए गए हैं।
स्थानीय लोगों से संवाद और सुझाव
निरीक्षण के दौरान मंत्री ने तीर्थयात्रियों, व्यापारियों और पशुपालकों से सीधा संवाद कर उनकी समस्याएं सुनीं और बेहतर सुझावों को शामिल करने का भरोसा दिलाया। उन्होंने कहा कि स्थिति के सामान्य होने पर ही यात्रा मार्ग पर खच्चरों की वापसी होगी।
स्थानीय प्रशासन पूरी तरह सतर्क
इस मौके पर जिलाधिकारी सौरभ गहरवार, विधायक आशा नौटियाल, एनिमल हसबैंड्री कमिश्नर डॉ. अभिजीत मित्रा, मुख्य विकास अधिकारी जी.एस. खाती, पशुपालन निदेशक डॉ. नीरज सिंघल, व्यापार संघ अध्यक्ष अंकित गर्ग, और घोड़ा खच्चर संघ के पदाधिकारी भी मौजूद रहे।
मेरु रैबार की विशेष टिप्पणी
सरकार, प्रशासन और समाज के समन्वय से ही संक्रमण जैसे संकटों पर नियंत्रण संभव है। यह दौरा न सिर्फ ज़मीनी सच्चाई को समझने का प्रतीक था, बल्कि भविष्य की मजबूती की दिशा में एक ठोस कदम भी।
