केदारनाथ पैदल मार्ग टूटा, रोके गए 10 हजार से ज्‍यादा यात्री

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रुद्रप्रयाग। मौसम विभाग की चेतावनी के बाद रुद्रप्रयाग जिले में जोरदार बारिश शुरू हुई, जिस कारण गौरीकुंड में केदारनाथ पैदल मार्ग पर विशालकाय बोल्डर के साथ मलबा आ गया। पत्थर के गिरने के बाद प्रशासन की ओर से यात्रा को रोक दिया गया। करीब तीन घंटे तक यात्रा बंद रही और 10 हजार के करीब तीर्थयात्री गौरीकुंड पैदल मार्ग के दोनों ओर फंसे रहे। बारिश के बाद केदारनाथ पैदल मार्ग पर सफर करना किसी खतरे से खाली नहीं रह गया है।
मौसम विभाग की चेतावनी के रुद्रप्रयाग जिले में जोरदार बारिश हुई। सोमवार रात को शुरू हुई बारिश का असर मंगलवार सुबह देखने को मिला। गौरीकुंड में सुबह करीब 6 बजे पैदल मार्ग के दोनों तरफ 10 हजार से ज्यादा श्रद्धालु फंसे रहे। श्रद्धालुओं की बढ़ती भीड़ को देखते हुए डीडीआरएफ, एसडीआरएफ और पुलिस के जवान मौके पर पहुंचे। यात्रियों को समझाया और यात्रा को रोका गया। इसके बाद डीडीएमए के मजदूरों ने रास्ते से मलबा और बोल्डर को हटाने का काम शुरू किया। करीब 3 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद बोल्डर और मलबे को साफ किया गया, जिसके बाद यात्रा को सुचारू किया गया।
गौरीकुंड से केदारनाथ 19 किमी पैदल मार्ग पर बारिश के समय आवाजाही करना कठिन हो जाता है। ऐसे में तीर्थयात्रियों को संभलकर आवाजाही करने की आवश्यकता है। साथ ही प्रशासन को भी यात्रियों की सुरक्षा का ध्यान रखना चाहिए। आज सुबह की घटना घटित होते समय गनीमत यही रही कि कोई तीर्थयात्री उस दौरान आवाजाही नहीं कर रहा था। वरना कोई बड़ी अनहोनी हो सकती थी।
जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने कहा कि बारिश के कारण केदारनाथ पैदल मार्ग के गौरीकुंड में बोल्डर और पत्थर गिर गये, जिन्हें डीडीएमए (जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण) के मजदूरों ने साफ कर दिया है। उन्होंने कहा कि बारिश को देखते हुए तीर्थयात्रियों को सुरक्षित यात्रा करवाई जा रही है।
मौसम विभाग ने पहाड़ों में दो दिन तक भारी बारिश की चेतावनी दी थी, जो सच साबित हुई। केदारनाथ सहित केदारघाटी में जमकर बारिश हुई। इस बारिश का असर केदारनाथ धाम की यात्रा पर पड़ना शुरू हो गया है। सोमवार रात को केदारनाथ यात्रा के मुख्य पड़ाव गौरीकुंड में पैदल मार्ग पहाड़ी से गिरे मलबे के कारण क्षतिग्रस्त हो गया। इस कारण मंगलवार सुबह यात्रा समय पर शुरू नहीं हो पाई। यात्रियों को घंटों तक गौरीकुंड में ही इंतजार करना पड़ा। यात्रा के बाधित होने से यात्रियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।

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